Close Menu
Azad SipahiAzad Sipahi
    Facebook X (Twitter) YouTube WhatsApp
    Saturday, November 15
    • Jharkhand Top News
    • Azad Sipahi Digital
    • रांची
    • हाई-टेक्नो
      • विज्ञान
      • गैजेट्स
      • मोबाइल
      • ऑटोमुविट
    • राज्य
      • झारखंड
      • बिहार
      • उत्तर प्रदेश
    • रोचक पोस्ट
    • स्पेशल रिपोर्ट
    • e-Paper
    • Top Story
    • DMCA
    Facebook X (Twitter) Instagram
    Azad SipahiAzad Sipahi
    • होम
    • झारखंड
      • कोडरमा
      • खलारी
      • खूंटी
      • गढ़वा
      • गिरिडीह
      • गुमला
      • गोड्डा
      • चतरा
      • चाईबासा
      • जमशेदपुर
      • जामताड़ा
      • दुमका
      • देवघर
      • धनबाद
      • पलामू
      • पाकुर
      • बोकारो
      • रांची
      • रामगढ़
      • लातेहार
      • लोहरदगा
      • सरायकेला-खरसावाँ
      • साहिबगंज
      • सिमडेगा
      • हजारीबाग
    • विशेष
    • बिहार
    • उत्तर प्रदेश
    • देश
    • दुनिया
    • राजनीति
    • राज्य
      • मध्य प्रदेश
    • स्पोर्ट्स
      • हॉकी
      • क्रिकेट
      • टेनिस
      • फुटबॉल
      • अन्य खेल
    • YouTube
    • ई-पेपर
    Azad SipahiAzad Sipahi
    Home»राज्य»कमजोर संगठन और गलत रणनीति ने बिहार में कांग्रेस की लुटिया डुबोई
    राज्य

    कमजोर संगठन और गलत रणनीति ने बिहार में कांग्रेस की लुटिया डुबोई

    shivam kumarBy shivam kumarNovember 15, 2025Updated:November 15, 2025No Comments3 Mins Read
    Facebook Twitter WhatsApp Telegram Pinterest LinkedIn Tumblr Email
    Share
    Facebook Twitter WhatsApp Telegram LinkedIn Pinterest Email

    पटना। बिहार विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने जिस नतीजे की उम्मीद की थी, पार्टी उससे कोसों दूर रह गई। जैसे-जैसे चुनावी तारीखें नजदीक आती गईं, कई नेताओं को अंदेशा था कि प्रदर्शन खास नहीं रहेगा, लेकिन इस कदर गिरावट की कल्पना किसी ने नहीं की थी। करारी हार के बाद पार्टी के अंदर जिस निष्कर्ष पर सहमति बन रही है, वह है—कमजोर संगठन, गलत टिकट चयन, बिखरी रणनीति, दलबदलुओं पर भरोसा और नेतृत्व की पार्ट-टाइम सियासत।

    जमीन पर नहीं चला वोट चोरी और सामाजिक न्याय का एजेंडा
    दिल्ली से पटना तक पार्टी नेताओं ने माना कि राहुल गांधी का एसआईआर और वोट चोरी अभियान जमीन पर प्रभावी नहीं रहा। सामाजिक न्याय की राजनीति ने पार्टी के परंपरागत सवर्ण वोटरों को भी दूर कर दिया। इसके बावजूद राहुल की टीम इन मुद्दों को आक्रामक तरीके से उठाती रही, जबकि कार्यकर्ताओं को पहले ही लग चुका था कि यह अभियान असर पैदा नहीं कर रहा।

    दलबदलुओं को टिकट देने से भड़की नाराजगी
    कांग्रेस ने एनडीए से आए कई नेताओं को टिकट देकर अपने पुराने कार्यकर्ताओं की नाराजगी मोल ले ली। सोनबरसा, कुम्हरार, नौतन और फारबिसगंज जैसी सीटों पर स्थानीय नेताओं ने साफ कहा कि जिन उम्मीदवारों की सोशल मीडिया प्रोफाइल एनडीए नेताओं की तस्वीरों से भरी हो, उनकी विश्वसनीयता कैसे बनेगी?

    रोजगार का मुद्दा देर से उठाया
    जब एसआईआर और वोट चोरी जैसे मुद्दे फेल होते दिखे, तब जाकर पार्टी ने रोजगार पर ध्यान केंद्रित किया, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी। महिलाओं और अति पिछड़े वर्गों तक भी पार्टी की पैठ नहीं बन सकी। उधर, नीतीश कुमार ने महिला रोजगार योजना की पहली किस्त जारी कर महिला वोटरों पर मजबूत पकड़ बना ली।

    अब तक का सबसे खराब प्रदर्शन
    इस चुनाव में कांग्रेस को सिर्फ 8.73% वोट मिले—यह 2010 के आंकड़े के बराबर है, जब वह चार सीटों पर सिमटी थी। 1985 में 39% वोट से करने वाली पार्टी आज ऐतिहासिक गिरावट के दौर में है। पार्टी मुख्यालय में परिणाम के दिन छाई उदासी ने स्थिति साफ कर दी।

    टिकट बंटवारे से बूथ मैनेजमेंट तक—5 बड़ी चूक
    टिकट बंटवारे पर बगावत: समस्तीपुर, नालंदा और सीतामढ़ी में खुला विरोध।
    बूथ प्रबंधन ठप: कई मतदान केंद्रों पर पोलिंग एजेंट तक मौजूद नहीं थे।
    -राहुल की रैलियों का असर कमजोर: भागलपुर की सभा में खाली कुर्सियों की तस्वीरें चर्चा में रहीं।
    -बागियों ने काटे वोट: कटिहार, दरभंगा ग्रामीण और हिलसा में बागी उम्मीदवारों ने महागठबंधन को नुकसान पहुंचाया।
    -समन्वय की नाकामी: पूर्णिया में आरजेडी-कांग्रेस टकराव ने गठबंधन की पोल खोल दी।

    कांग्रेस में आत्ममंथन की मांग तेज
    शशि थरूर ने स्वीकार किया कि ऐसे परिणाम आने पर गंभीर समीक्षा जरूरी है। पूर्व राज्यपाल निखिल कुमार ने संगठन की कमजोरी को जिम्मेदार बताया। वहीं पूर्व नेता शकील अहमद ने टिकट वितरण पर व्यापक जांच की मांग उठाई है।

    Share. Facebook Twitter WhatsApp Telegram Pinterest LinkedIn Tumblr Email
    Previous Articleमैं चाहता हूं नीतीश कुमार CM बनें : चिराग पासवान
    Next Article राजद के हाथ लगी दूसरी सबसे बड़ी हार! महज 25 सीटों पर सिमटी पार्टी
    shivam kumar

      Related Posts

      राजद के हाथ लगी दूसरी सबसे बड़ी हार! महज 25 सीटों पर सिमटी पार्टी

      November 15, 2025

      मैं चाहता हूं नीतीश कुमार CM बनें : चिराग पासवान

      November 15, 2025

      मैं अपने परिवार से नाता तोड़ रही… रोहिणी का एक्स पर पोस्ट, RJD की करारी हार के बाद लालू फैमिली में बवाल

      November 15, 2025
      Add A Comment
      Leave A Reply Cancel Reply

      Recent Posts
      • राजद के हाथ लगी दूसरी सबसे बड़ी हार! महज 25 सीटों पर सिमटी पार्टी
      • कमजोर संगठन और गलत रणनीति ने बिहार में कांग्रेस की लुटिया डुबोई
      • मैं चाहता हूं नीतीश कुमार CM बनें : चिराग पासवान
      • मैं अपने परिवार से नाता तोड़ रही… रोहिणी का एक्स पर पोस्ट, RJD की करारी हार के बाद लालू फैमिली में बवाल
      • दिल्ली कार विस्फोट मामले में अल-फलाह विश्वविद्यालय का एमबीबीएस छात्र बंगाल से गिरफ्तार
      Read ePaper

      City Edition

      Follow up on twitter
      Tweets by azad_sipahi
      Facebook X (Twitter) Instagram Pinterest
      © 2025 AzadSipahi. Designed by Microvalley Infotech Pvt Ltd.

      Type above and press Enter to search. Press Esc to cancel.

      Go to mobile version