नयी दिल्ली: नोटबंदी को लोगों का समर्थन मिलने का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज कहा कि उनकी सरकार ने इस फैसले से ‘जनशक्ति’ को प्रमुखता दिलाई।
उन्होंने विपक्ष की आलोचना करते हुए कहा कि राज्यसभा में दो बार उनकी मौजूदगी के बावजूद चर्चा के लिए राजी नहीं होकर वहां विपक्ष बेनकाब हो गया।
भाजपा संसदीय दल की बैठक में मोदी ने कहा कि संसद में पिछले कई दशकों में सरकार के विभिन्न फैसलों पर चर्चा हुई है जो समाज पर प्रभाव डालने वाले रहे हैं लेकिन अब नोटबंदी जैसे रचनात्मक निर्णय पर विपक्षी दल सदन में गतिरोध पैदा कर रहे हैं।
लोगों के परेशानी का सामना करने के बावजूद नोटबंदी पर उनका ‘समर्थन’ मिलने का जिक्र करते हुए मोदी ने कहा, ‘‘लोकतंत्र में ‘जन शक्ति’ को ‘राज्य शक्ति’ से उपर होना चाहिए। मेरी सरकार ने इसे प्रमुखता दिलाई है।’’ अपनी बात के समर्थन में प्रधानमंत्री ने याद दिलाया कि किस तरह से बड़ी संख्या में लोगों ने एक समय उनकी अपील पर अपनी एलपीजी सब्सिडी छोड़ दी थी, जब यह चर्चा हो रही थी कि एक परिवार को साल में सब्सिडी प्राप्त नौ या 12 सिलेंडर मिलना चाहिए।
उन्होंने कहा कि विपक्ष नोटबंदी पर चर्चा में रूचि नहीं दिखा रहा है। उन्होंने पार्टी के सदस्यों से कहा कि यह उनका काम है कि वे लोगों को जानकारी दें जिन्होंने काफी अनुशासन दिखाया है।
उन्होंने कहा कि किसी भी बड़ी पार्टी ने नोटबंदी को वापस लेने की मांग नहीं की है और बेहतर होता कि वे इस मुद्दे पर चर्चा करते और सरकार को सुझाव देते।