लखनऊ: समाजवादी पार्टी (सपा) अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव ने आज एक अहम फैसला लेते हुये मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और पार्टी महासचिव प्रो रामगोपाल यादव को छह-छह साल के लिये सपा से निष्कासित कर दिया। मुलायम सिंह यादव ने आनन फानन में बुलाये संवाददाता सम्मेलन में यह घोषणा की। श्री यादव ने कहा कि अखिलेश की जगह पर अगला मुख्यमंत्री कौन होगा,यह राष्ट्रीय कार्यकारिणी तय करेगी।
प्रो0 रामगोपाल पर बेहद नाराज मुलायम सिंह यादव ने कहा, “ रामगोपाल अखिलेश का भविष्य खराब कर रहा है। अखिलेश इसे समझ नहीं पा रहा है। दोनों ही पार्टी में गुटबाजी कर रहे हैं। मैं पार्टी बचाना चाहता हूं क्योंकि मेरी प्राथमिकता पार्टी बचानी है।” उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय प्रतिनिधि सम्मेलन बुलाना अध्यक्ष के अधिकार क्षेत्र में है। कोई और यह सम्मेलन बुला ही नहीं सकता। कुछ दिनों से प्रो0 रामगोपाल यादव लगातार अनुशासनहीनता कर रहे थे। पार्टी को आघात पहुंचाकर कमजोर कर रहे थे इसलिए उन्हें पार्टी के सभी पदों और सदस्यता से छह वर्षों के लिए निष्कासित कर दिया गया।
श्री यादव ने कहा कि यदि अखिलेश या रामगोपाल उनसे कहते तो वह स्वयं ही संसदीय बोर्ड की बैठक बुला लेते लेकिन प्रो0 रामगोपाल का मकसद तो कुछ और है। वह लगातार पार्टी को कमजोर कर रहे हैं और अफसोस की बात तो यह है कि मुख्यमंत्री इसे समझ ही नहीं रहे हैं।
उन्होंने कहा, “ प्रो0 रामगोपाल यादव ने अखिलेश का भविष्य ही खत्म कर दिया। मुख्यमंत्री तो निर्विवाद होता है। मैं भी मुख्यमंत्री था। मेरे ऊपर कोई दाग नहीं लगा। मुख्यमंत्री रहते हुए अयोध्या में कार्रवाई करनी पडी थी। नैतिकता के नाम पर सरकार गंवाई थी लेकिन देश बचाने के लिए मस्जिद की सुरक्षा की।”
श्री यादव ने अपने बगल बैठे शिवपाल सिंह यादव और आशु मलिक की तरफ इशारा करते हुए कहा “ ये दोनों भी विधायक हैं क्या सम्मेलन बुलाने की जानकारी इन्हें दी गयी। सम्मेलन पूरी तरह असंवैधानिक है। ” उन्होंने नेताओं और कार्यकर्ताओं से इसमें शामिल नहीं होने की अपील की। संवाददाता सम्मेलनों में आमतौर पर खुश रहने वाले श्री यादव का मन भारी दिखा। उन्होंने कहा कि वह सोचेंगे कि रामगोपाल यादव को और कितनी कडी सजा दी जा सकती है। अखिलेश को भी अपने साथ लपेट लिया। अखिलेश को रक्षा कवच के रुप में उपयोग कर रहे हैं।
सपा अध्यक्ष ने कहा कि पार्टी को बचाने के लिए कडी से कडी कार्रवाई करेंगे। पार्टी को बचाना हमारी प्राथमिकता है। उन्होंने कार्यकर्ताओं से कहा कि पार्टी को बचाने के लिए रामगोपाल यादव द्वारा बुलाये गए सम्मेलन में भाग नहीं लें,अन्यथा पार्टी टूट जाएगी। पार्टी को बचाएं।
उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय अधिवेशन दस-बारह घंटे की सूचना पर थोडी बुलाया जाता है। अखिलेश यादव को पार्टी से निकाले जाने के बाद मुख्यमंत्री कौन बनेगा, इस सवाल पर उन्होंने कहा कि यह पार्टी का संसदीय बोर्ड तय करेगा। सपा में निर्णय लोकतांत्रिक ढंग से लिये जाने की परम्परा रही है।