रांची: झारखंड की रघुवर सरकार ने एक साल में गरीबों की आधी आबादी को गरीबी रेखा से ऊपर करने का लक्ष्य निर्धारित किया है। अगले साल अप्रैल से मार्च 2018 की अवधि में यह काम पूरा करना है। इस लक्ष्य को लेकर रघुवर सरकार ने काम शुरू कर दिया है। अधिकारियों को इसके लिए निर्देश दिये गये हैं और इसके अनुसार ही बजट तैयार किया जा रहा है।
समस्याएं कई चुनौतियां बड़ीं
राज्य में गरीबी रेखा के नीचे रहने वालों के सामने कई समस्याएं हैं। बेरोजगारी की समस्या है। कुपोषण की समस्या है। इनके लिए शुद्ध पेयजल नहीं। बिजली और आवास की समस्या है। तमाम दावों के बावजूद स्वास्थ्य सेवाओं की लचर उपलब्धता है। सबसे महत्वपूर्ण है प्रति व्यक्ति आय में वृद्धि करना। इसके लिए बेरोजगारों के लिए रोजगार के इंतजाम करने होंगे। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष सुखदेव भगत कहते हैं कि यह सब दिखाने के लिए है। अब तक न तो केंद्र की कोई सरकार ऐसा कर पायी है और न राज्य की। ऐसे में इन लक्ष्यों का कोई मतलब नहीं है।
विभागों के बीच समन्वय का प्रयास
मुख्यमंत्री रघुवर दास भी जानते हैं कि तंत्र वही है और अधिकारी भी वही। ऐसे में सरकार को सभी विभागों के बीच समन्वय बनाते हुए आगे बढ़ना होगा। इसमें दो राय नहीं कि सरकार का यह लक्ष्य अनोखा है और मुकाम तक पहुंचने का रास्ता कठिन। फिर भी उन्होंने गरीबी को मिटाने का जो संकल्प लिया है, उसके लिए प्रयास शुरू कर दिया है और उन्हें विश्वास है कि वह सफल भी होंगे।