नई दिल्ली:  नोटबंदी के बाद नकदी की तंगी को देखते हुये सरकार डिजिटल लेनदेन को बढ़ावा देने को लिये डेबिट और क्रेडिट कार्ड से 2,000 रुपये तक के लेनदेन को सेवाकर से मुक्त कर सकती है। सूत्रों ने बताया कि सरकार ने ‘‘बैंक द्वारा किसी व्यक्ति को डेबिट कार्ड, क्रेडिट कार्ड या अन्य कार्ड के जरिये 2,000 रुपये तक के एकमुश्त लेनदेन पर दी जाने वाली भुगतान सेवाओं पर सेवा कर से छूट प्रदान करने का’’ निर्णय किया गया है। वित्त मंत्री अरुण जेटली इस संबंध में एक अधिसूचना संसद के पटल पर रख सकते हैं।

गौरतलब है कि सरकार ने आठ नवंबर को 500 और 1000 रुपये के पुराने नोट बंद करने का निर्णय किया था जिसके बाद से बाजार में नकदी को लेकर तंगी का माहौल है और लोग बैंकों और एटीएम के बाहर लंबी-लंबी कतारों में खड़े हैं। सरकार भारत को नकदी रहित अर्थव्यवस्था बनाने की दिशा में डिजिटल लेनदेन को प्रोत्साहित करने के प्रयास कर रही है। हाल ही में सरकार ने बैंकों से 31 मार्च तक देश के विभिन्न हिस्सों में 10 लाख अतिरिक्त पीओएस (पॉइंट ऑफ सेल्स) मशीनें लगाने के लिए कहा है।

सूत्रों ने बताया कि डेबिट और क्रेडिट कार्ड पर सेवाकर से छूट देने के लिए जून 2012 की सेवाकर अधिसूचना में संशोधन किया जाएगा। वर्तमान में संयुक्त राष्ट्र और अन्य अंतरराष्ट्रीय संगठनों द्वारा दी जाने वाली सेवाओं को कर छूट प्राप्त है। इसके अलावा पंच निर्णय न्यायाधिकरण, नयी विकसित दवाओं की परख, शैक्षिक संस्थानों, ट्रेड यूनियनों, साधारण बीमा कारोबारों और खेल निकायों की सेवाओं पर भी सेवा कर नहीं लिया जाता है।

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