नई दिल्ली:  दिल्ली उच्च न्यायालय ने पूर्व केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल के पु़त्र अमित सिब्बल द्वारा दायर आपराधिक मानहानि के मामले में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को निचली अदालत के समक्ष उपस्थित होने से आज स्थायी रूप से छूट प्रदान कर दी। न्यायमूर्ति मुक्ता गुप्ता ने कहा कि अगर केजरीवाल की अनुपस्थिति से मामले की सुनवाई में देरी होती है तब निचली अदालत को आदेश में परिवर्तन करने की छूट है और आप नेता को निर्देश दिया कि जब जरूरत हो तब उपस्थित हों।

अदालत ने आप नेता को निचली अदालत के समक्ष यह शपथपत्र पेश करने को कहा कि उनकी अनुपस्थिति में मामले की सुनवाई होने की स्थिति में उन्हें कोई आपत्ति नहीं होगी। केजरीवाल की ओर से उपस्थित होने वाले वकील ने उच्च न्यायालय की ओर से लगायी गई शर्तो से सहमति व्यक्त की। इस पर संज्ञान लेते हुए अदालत ने अपने आदेश में कहा कि याचिकाकर्ता ने कहा है कि अगर उन्हें स्थायी छूट दी जाती है तब वह अपनी पहचान, गवाह के पहचान और मामले में दर्ज साक्ष्य को लेकर विवाद नहीं करेंगे। अदालत ने कहा कि इस मामले में आज से एक सप्ताह के भीतर निचली अदालत में हलफनामा पेश किया जाए। उनकी जिम्मेदारी और कार्यों को देखते हुए और न्याय के हित में याचिकाकर्ता को निचली अदालत में स्वयं उपस्थित होने से स्थायी छूट दी जाती है। अदालत ने स्पष्ट किया कि मुख्यमंत्री की ओर से मनोनित वकील किसी भी आधार पर मामले की सुनवाई में स्थगन नहीं मांगेंगे। और अगर किसी विशिष्ठ तारीख को केजरीवाल के उपस्थित होने की जरूरत महसूस हुई तक निचली अदालत उन्हें उपस्थित होने को कह सकती है और उन्हें इसका पालन करना होगा।

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