नयी दिल्ली:  कोयले की प्रचूर उपलब्धता के साथ चार दशकों में पहली बार नये साल में निजी कंपनियों के लिये वाणिज्यिक कोयला खनन की मंजूरी दी जा सकती है क्योंकि सरकार कोयले के अंतिम रूप से उपयोग पर पाबंदी को धीरे-धीरे हटाने को लेकर गंभीर है और आयात पर निभर्रता कम करना चाहती है।

कोयला तथा बिजली मंत्री पीयूष गोयल ने कहा, ‘‘हां मुझे लगता है कि हम इस पर गौर कर सकते हैं। वाणिज्यिक खनन को लेकर कुछ रूचि है। हम इस बात को लेकर भी गंभीर हैं कि अंतिम उपयोग के प्रतिबंध और अन्य नियंत्रण को हटाया जाए क्योंकि हम अधिशेष स्थिति देख रहे हैं। मुझे नहीं लगता कि अगले कई साल तक देश में कोयले की कोई कमी होगी।’’ सरकार यह मान रही है कि देश की जीवाश्म ईंधन के आयात पर निर्भरता नये साल में और कम होगी।

मंत्री ने कहा, ‘‘ऐसी स्थिति में मुझे लगता है कि धीरे-धीरे मेरा अगला कदम अंतिम उपयोग के प्रतिबंध को समाप्त करना होगा और उम्मीद है कि एक या दो साल में हम ऐसी स्थिति में होंगे जहां हमें किसी प्रकार की पाबंदी की जरूरत नहीं होगी..।’’ गोयल ने यह भी कहा कि उन्हें आने वाले साल में कोयला क्षेत्र में कोई चुनौती नहीं दिखती और भरोसा जताया कि ईंधन के उत्पादन में 2017 में अच्छी वृद्धि होगी।

उन्होंने कहा, ‘‘..हम 2017 में बिजली खासकर तापीय बिजली की खपत के साथ कोयले के उत्पादन में अच्छी वृद्धि देखेंगे और इससे आयात आगे और कम होगा।’’ सरकार का जोर आने वाले वर्ष में स्वच्छ कोयला के लिये सभी योजनाओं के क्रियान्वयन पर होगा। साथ ही कोयला मंत्रालय यह भी ध्यान देगा कि कोयला खनन कैसे पर्यावरण अनुकूल हो सकता है।

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