मुंबई: भारत और पाकिस्तान के संबंधों में चल रहे तनाव के बीच पाकिस्तानी प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को उनके जन्मदिन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बधाई पर शिवसेना ने तीखी प्रतिक्रिया करते हुए कहा कि छत्रपति शिवाजी ने कभी ‘‘देश के दुश्मनों’’ को इस तरह की शुभकामनाएं नहीं दीं। शिवसेना के निशाने पर आने से कुछ ही दिन पहले मोदी ने मुंबई में शिवाजी के एक बड़े स्मारक की आधारशिला रखी थी। शिवसेना ने प्रधानमंत्री द्वारा संबोधित जनसभा में भाजपा समर्थकों की ओर से ‘मोदी, मोदी’ के नारे लगाए जाने पर नाराजगी भी जाहिर की। इस सभा में शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे भी मौजूद थे।
शिवसेना ने अपनी पार्टी के मुखपत्र ‘सामना’ के संपादकीय में कहा, ‘‘शिवाजी महाराज के विचारों के बारे में सबसे अद्भुत बात यह है कि वह स्वराज्य के दुश्मनों को देश का दुश्मन मानते थे। शिवाजी महाराज ने कभी औरंगजेब, अफजल खान और शाइस्ता खान को जन्मदिन की शुभकामनाएं नहीं दीं।
शिवसेना ने खुद को महसूस होने वाली यह बात बोलने में संकोच नहीं किया कि भाजपा ने राजनीतिक लाभ लेने के लिए मराठा दिग्गज की विरासत पर दावा करने के लिए समारोह का ‘अपहरण’ करने की कोशिश की है। संपादकीय में कहा गया, ‘‘हम नेताओं से सिर्फ इतना ही कहते हैं कि वे निम्नस्तरीय राजनीति खेलने के लिए शिवाजी का इस्तेमाल न करें। जो लोग छत्रपति पर अधिकारों का दावा ठोक रहे हैं, वे अंत में धूल ही फांकेंगे। वे इतिहास को अच्छी तरह याद रखेंगे।’’
इसमें कहा गया कि स्मारक का इस्तेमाल ओछी राजनीतिक में नहीं फंसना चाहिए। सत्ता में सहयोगी दल शिवसेना ने कहा कि वह भाजपा में मोदी के महत्व से वाकिफ है और उनकी पार्टी आज सिर्फ ‘मोदी टॉनिक’ के कारण ही है। शिवसेना ने कहा, ‘‘शिवसैनिक और शिवाजी के प्रशंसक जहां छत्रपति की शान में नारे लगा रहे थे, वहीं भाजपा के कार्यकर्ता मोदी के नाम के नारे लगा रहे थे। क्या कोई भी अपनी तुलना शिवाजी से कर सकता है? मोदी खुद भी इस बात को मंजूर नहीं करेंगे।’’ ज्ञात हो कि रविवार को मोदी द्वारा संबोधित जनसभा में शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे के भाषण को थोड़े समय के लिए उस समय रोक दिया गया था, जब भाजपा के समर्थक बार-बार ‘मोदी, मोदी’ का नारा लगाने लगे।