Close Menu
Azad SipahiAzad Sipahi
    Facebook X (Twitter) YouTube WhatsApp
    Sunday, June 8
    • Jharkhand Top News
    • Azad Sipahi Digital
    • रांची
    • हाई-टेक्नो
      • विज्ञान
      • गैजेट्स
      • मोबाइल
      • ऑटोमुविट
    • राज्य
      • झारखंड
      • बिहार
      • उत्तर प्रदेश
    • रोचक पोस्ट
    • स्पेशल रिपोर्ट
    • e-Paper
    • Top Story
    • DMCA
    Facebook X (Twitter) Instagram
    Azad SipahiAzad Sipahi
    • होम
    • झारखंड
      • कोडरमा
      • खलारी
      • खूंटी
      • गढ़वा
      • गिरिडीह
      • गुमला
      • गोड्डा
      • चतरा
      • चाईबासा
      • जमशेदपुर
      • जामताड़ा
      • दुमका
      • देवघर
      • धनबाद
      • पलामू
      • पाकुर
      • बोकारो
      • रांची
      • रामगढ़
      • लातेहार
      • लोहरदगा
      • सरायकेला-खरसावाँ
      • साहिबगंज
      • सिमडेगा
      • हजारीबाग
    • विशेष
    • बिहार
    • उत्तर प्रदेश
    • देश
    • दुनिया
    • राजनीति
    • राज्य
      • मध्य प्रदेश
    • स्पोर्ट्स
      • हॉकी
      • क्रिकेट
      • टेनिस
      • फुटबॉल
      • अन्य खेल
    • YouTube
    • ई-पेपर
    Azad SipahiAzad Sipahi
    Home»देश»नोटबंदी पर संसद में गतिरोध कायम, विपक्ष के तेवर कड़े
    देश

    नोटबंदी पर संसद में गतिरोध कायम, विपक्ष के तेवर कड़े

    आजाद सिपाहीBy आजाद सिपाहीDecember 1, 2016No Comments7 Mins Read
    Facebook Twitter WhatsApp Telegram Pinterest LinkedIn Tumblr Email
    Share
    Facebook Twitter WhatsApp Telegram LinkedIn Pinterest Email

    नई दिल्ली:  नोटबंदी के मुद्दे पर विपक्ष के हंगामे के कारण संसद में आज भी गतिरोध कायम रहा जहां लोकसभा में विपक्षी सदस्य मतदान के प्रावधान वाले नियम के तहत चर्चा कराए जाने पर अड़े रहे वहीं राज्यसभा में विपक्षी सदस्यों की मांग थी कि इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सदन के बाहर दिये गये अपने एक बयान पर माफी मांगे।

    उच्च सदन में आज प्रधानमंत्री की प्रश्नकाल तथा भोजनावकाश के बाद रही उपस्थिति से भी गतिरोध समाप्त करने में मदद नहीं मिली। उच्च सदन में इससे पहले विपक्ष इस बात की मांग कर रहा था कि इस मुद्दे पर चर्चा के दौरान प्रधानमंत्री को सदन में मौजूद रहना चाहिए।

    विपक्ष के हंगामे के कारण लोकसभा की बैठक एक बार के स्थगन के बाद 12 बजकर 25 मिनट पर दिनभर के लिए स्थगित कर दी गई, वहीं राज्यसभा दो बार के स्थगन के बाद करीब दो बजकर 10 मिनट पर पूरे दिन के लिए स्थगित कर दी गयी।

    हंगामे के बीच ही दोनों सदनों में तृणमूल कांग्रेस के सदस्यों ने कल शाम कोलकाता में उतरे एक विमान में ईंधन कम होने का विषय उठाया जिसमें पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी सवार थीं। तृणमूल नेताओं ने ममता की जान को खतरा होने का आरोप लगाया। विपक्षी दलों के सदस्यों ने इस पर गंभीर चिंता जताते हुए घटना की जांच की मांग की।

    हालांकि सरकार ने इसमें किसी भी साजिश के आरोप को पूरी तरह खारिज कर दिया और कहा कि जांच के आदेश दे दिये गए हैं। लोकसभा में अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने गतिरोध को समाप्त करने का प्रयास किया और चर्चा को शून्यकाल के तहत कराने का सुभाव दिया लेकिन इसका कोई परिणाम नहीं निकला। विपक्षी दल मतविभाजन की मांग पर अड़े रहे। वहीं सरकार ने तुरंत चर्चा शुरू करने पर जोर दिया लेकिन वह चर्चा के बाद मतविभाजन पर तैयार नहीं थी।

    कांग्रेस, तृणमूल और वामदलों के सदस्य बार बार आसन के समीप आकर नारेबाजी करते रहे। लोकसभा में आज सुबह कार्यवाही शुरू होने पर सदन ने जम्मू के पास नगरोटा में सैन्य शिविर पर हुए आतंकी हमले में मारे गए सेना के सात जवानों को श्रद्धांजलि दी। नोटबंदी के मुद्दे पर कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, वामदल और राजद के सदस्य नियम 56 की बजाय किसी दूसरे नियम के तहत चर्चा को तो तैयार थे लेकिन वे मतविभाजन की मांग पर अड़े रहे। वहीं सरकार ने तुरंत चर्चा शुरू करने पर जोर दिया लेकिन चर्चा के बाद मतविभाजन पर वह तैयार नहीं थी।

    सुमित्रा ने कहा, ‘मैंने कल भी कहा था कि शून्य से ब्रह्मांड तक की खोज हो सकती है। हम सब मिलकर शून्य में कुछ खोजने का प्रयास करते हैं। मैं आज भी इसे दोहराती हूं। आइए हम शून्यकाल के तहत चर्चा शुरू करते हैं।’ लेकिन कांग्रेस के मल्लिकार्जुन खड़गे, तृणमूल कांग्रेस नेता सुदीप बंदोपाध्याय, राजद के जयप्रकाश नारायण यादव और माकपा के मोहम्मद सलीम ने इस बात पर जोर दिया कि चर्चा के बाद मतविभाजन कराया जाना चाहिए।

    माकपा के पी करूणाकरण ने कहा कि नोटबंदी के फैसले से जनता परेशान है और सरकार को रास्ता निकालना चाहिए। हम कालेधन के खिलाफ हैं लेकिन सरकार चर्चा से क्यों भाग रही है। बीजद के भर्तृहरि महताब ने कहा कि संसद परंपराओं, चलन और नियमों के तहत चलती है। हमारी संसदीय व्यवस्था ऐसे ही काम करती है।

    टीआरएस के जितेन्द्र रेड्डी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अच्छे इरादे से बड़े नोटों को अमान्य करने का कदम उठाया और सभी ओर इसकी प्रशंसा हो रही है। कुछ चिंताएं इसे लागू करने के विषय पर हैं। अन्नाद्रमुक के पी वेणुगोपाल ने कहा कि सरकार का कोई भी कदम कितना भी उद्देश्यपूर्ण क्यों न हो लेकिन लोगों को परेशानी नहीं होनी चाहिए।

    स्पीकर ने पूछा कि चर्चा करें, मतविभाजन क्यों? उन्होंने सवाल किया कि क्या आप चर्चा नहीं चाहते हैं? इस पर सदन में सत्ता पक्ष के सदस्यों ने हाथ उठाकर सहमति जताई। संसदीय कार्य मंत्री अनंत कुमार ने कहा कि तीन चौथाई सदन चर्चा के लिए तैयार है। कांग्रेस पार्टी चर्चा नहीं करना चाहती है। हम सभी दलों से आग्रह करते हैं कि कालेधन के खिलाफ लड़ाई को नहीं रोकें, क्योंकि पूरा देश इस जंग में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ है।

    सुमित्रा ने एक बार फिर सभी सदस्यों से आग्रह किया कि सभी नियमों को एक ओर रखकर हम चर्चा शुरू करते हैं। लेकिन विपक्षी सदस्य इस पर तैयार नहीं हुए। इसके कारण सदन में गतिरोध कायम रहा। उधर, राज्यसभा में विपक्ष इस बात पर अड़ा रहा कि प्रधानमंत्री ने नोटबंदी के मुद्दे पर संसद के बाहर जो बयान दिया है, उसे लेकर उन्हें माफी मांगनी चाहिए।

    विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा, ‘पिछले 15 दिनों से हम प्रधानमंत्री की सदन में उपस्थिति की मांग कर रहे हैं। हम काले धन के खिलाफ हैं। हम इस मुद्दे पर बोलना चाहते हैं लेकिन किसके सामने बोलें। हमारा आक्रोश यह है कि प्रधानमंत्री हर सप्ताह संसद भवन में अपने सांसदों की बैठक लेते हैं। वह सदन के बाहर भी बोलते हैं। हमारी मांग यह है कि प्रधानमंत्री को यहां उपस्थित रहना चाहिए और हमारी बात सुननी चाहिए।’

    कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री ने टिप्पणी की है कि विपक्षी दल काला धन रखने वालों के समर्थन में हैं जबकि यह आरोप पूरी तरह बेबुनियाद है। आजाद के यह कहने पर सत्ता पक्ष के सदस्यों ने कड़ी आपत्ति जताई।

    कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद एवं शहरी विकास मंत्री एम वेंकैया नायडू ने कहा कि सदन में नोटबंदी के मुद्दे पर उस चर्चा को बहाल करना चाहिए जो 16 नवंबर को संसद का शीतकालीन सत्र शुरू होने पर, पहले ही दिन आरंभ की गई थी। सभापति हामिद अंसारी ने विपक्षी दलों के सदस्यों से चर्चा को आगे बढ़ाने की कई बार अपील की।

    जदयू के शरद यादव ने कहा कि वह भी चाहते हैं कि चर्चा बहाल हो लेकिन यह ‘वन वे ट्रैफिक’ नहीं होना चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री को पूरी चर्चा के दौरान सदन में उपस्थित रहना चाहिए। इस पर अंसारी ने कहा, ‘आप ऐसा क्यों मानते हैं कि वह चर्चा में हिस्सा नहीं लेंगे।’ तृणमूल कांग्रेस के डेरेक ओ ब्रायन ने कहा, ‘जैसा कि विपक्ष के नेता ने कहा है, प्रधानमंत्री ने पूरे विपक्ष को यह कहकर आरोपों के घेरे में ले लिया है कि विपक्ष काला धन रखने वालों के समर्थन में है।’

    तृणमूल सदस्य की इस टिप्पणी पर सत्ता पक्ष के सदस्यों के विरोध के बीच अंसारी ने चर्चा बहाल करने के लिए अगले वक्ता के तौर पर बीजद के एयू सिंहदेव का नाम पुकारा। लेकिन तभी कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस और बसपा के सदस्यों ने प्रधानमंत्री से उनकी टिप्पणी के लिए माफी की मांग करते हुए नारेबाजी शुरू कर दी। अन्य विपक्षी दलों के सदस्य अपने स्थानों पर खड़े रहे।

    उधर, भाजपा सदस्य भी चर्चा को बहाल करने की मांग करते हुए नारे लगाने लगे। नायडू ने कहा कि प्रधानमंत्री सदन में हैं और चर्चा बहाल की जानी चाहिए। उल्लेखनीय है कि आज गुरूवार होने के कारण प्रधानमंत्री के तहत आने वाले मंत्रालय से संबंधित मौखिक प्रश्न प्रश्नकाल में पूछे जाते हैं। इसीलिए प्रधानमंत्री सदन में प्रश्नकाल में मौजूद रहते हैं। किन्तु मोदी की मौजूदगी से भी सदन में गतिरोध दूर नहीं हो पाया क्योंकि विपक्ष इस बात पर अड़ा रहा कि उन्हें अपनी टिप्प्णी को लेकर माफी मांगनी चाहिए।

    कांग्रेस के सत्यव्रत चतुर्वेदी ने कहा कि मोदी सदन में लगातार अनुपस्थित रहे किन्तु वह नोटबंदी के फैसले पर संसद के बाहर बोल रहे हैं। इसी बीच सत्ता पक्ष के सदस्यों ने आपत्ति जताते हुए मांग शुरू कर दी कि अधूरी चर्चा को आगे बढ़ाया जाना चाहिए। सदन में भोजनावकाश के बाद भी प्रधानमंत्री मोदी उपस्थित थे। हंगामे के बीच शहरी विकास मंत्री एम. वेंकैया नायडू ने कहा कि विपक्ष बेनकाब हो चुका है तथा उसे 60 साल के कुशासन के लिए माफी मांगनी चाहिए।

    संसदीय कार्य राज्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने प्रधानमंत्री से माफी की विपक्ष की मांग पर हैरत जताते हुए कहा कि विपक्ष इस मुद्दे पर अपनी चतुराई के चक्रव्यूह में फंस गया है तथा उसके पास कोई तर्क नहीं बचा है।

    उल्लेखनीय है कि नोटबंदी के मुद्दे पर लोकसभा में चर्चा शुरू ही नहीं हो पाई है जबकि राज्यसभा में शीतकालीन सत्र के पहले दिन इस पर चर्चा शुरू हुई थी। किन्तु बाद में विपक्ष के इस चर्चा के दौरान प्रधानमंत्री की सदन में उपस्थिति की मांग पर अड़ जाने के कारण यह चर्चा अधूरी बनी हुई है।

    Share. Facebook Twitter WhatsApp Telegram Pinterest LinkedIn Tumblr Email
    Previous Articleइनकम टैक्स के छापेमारी में 4 करोड़ के नये नोट जब्त
    Next Article नोटबंदी देश का अब तक का सबसे बड़ा घोटालाः केजरीवाल
    आजाद सिपाही
    • Website
    • Facebook

    Related Posts

    विकसित खेती और समृद्ध किसान ही हमारा संकल्प : शिवराज सिंह

    June 7, 2025

    ब्रिटेन के विदेश मंत्री ने की प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात

    June 7, 2025

    प्रधानमंत्री ने चिनाब रेलवे पुल का किया उद्घाटन, वंदेभारत ट्रेन को दिखाई हरी झंडी

    June 6, 2025
    Add A Comment

    Comments are closed.

    Recent Posts
    • ‘हाउसफुल-5’ की कमाई में इजाफा, 2 दिन में 50 करोड़ का आंकड़ा किया पार
    • सर्राफा बाजार में लुढ़का सोना, चांदी की बढ़ी चमक
    • बिहार में 10 जून से हाे सकती है भारी बारिश
    • फ्लाईओवर पर स्टंट करने वाले युवक की हुई पहचान, बाइक बरामद
    • झारखंड में 15 के बाद मानसून के पहुंचने की संभावना
    Read ePaper

    City Edition

    Follow up on twitter
    Tweets by azad_sipahi
    Facebook X (Twitter) Instagram Pinterest
    © 2025 AzadSipahi. Designed by Microvalley Infotech Pvt Ltd.

    Type above and press Enter to search. Press Esc to cancel.

    Go to mobile version