नई दिल्ली: पूर्व वायु सेना प्रमुख एसपी त्यागी को आज 30 दिसंबर तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। इससे पहले, सीबीआई ने कहा कि अगस्तावेस्टलैंड वीवीआईपी हेलीकॉप्टर घोटाले में आगे उनसे हिरासत में पूछताछ जरूरी नहीं है। विशेष सीबीआई न्यायाधीश अरविंद कुमार ने संप्रग-2 सरकार में ब्रिटिश कंपनी से 12 वीवीआईपी हेलीकॉप्टर खरीदने से संबंधित मामले में त्यागी के रिश्तेदार संजीव त्यागी और वकील गौतम खेतान को भी जेल भेज दिया। जांच एजेंसी ने उनकी भी आगे हिरासत की मांग नहीं की।

एजेंसी की दलील के बाद सभी तीनों आरोपियों ने जमानत के आवेदन दाखिल किये जिन पर 21 दिसंबर को सुनवाई होगी। सीबीआई ने आवेदनों पर जवाब देने के लिए समय मांगा है। कार्यवाही के दौरान त्यागी के वकील ने अदालत में कहा कि इटली की शीर्ष अदालत ने वीवीआईपी हेलीकॉप्टर घोटाले में फिनमेकानिका के पूर्व पदाधिकारियों पर फिर से मुकदमे का आदेश दिया है जो मौजूदा मामले में सीबीआई के रुख को कमजोर बनाता है। हालांकि अदालत ने कहा कि 21 दिसंबर को सुनवाई की अगली तारीख पर वह मामले पर विचार करेगी।

अदालत ने 14 दिसंबर को त्यागी और दो अन्य लोगों की सीबीआई रिमांड तीन दिन बढ़ा दी थी। सीबीआई ने कहा था कि यह बहुत गंभीर मामला है जिसमें व्यापक साजिश का खुलासा करने के लिए पूछताछ जरूरी है क्योंकि देशहित से समझौता किया गया था। एजेंसी ने इससे पहले अदालत में कहा था, ‘‘यह बहुत हाई-प्रोफाइल मामला है और हमें उचित सामग्री चाहिए। अपराध के एक हिस्से को भारत में अंजाम दिया गया वहीं दूसरे विभिन्न कोण विदेशी धरती से जुड़े हैं।’’ त्यागी के वकील ने अदालत में कहा था कि ‘‘वह देश के सम्मानित युद्ध नायक हैं और उच्चतम न्यायालय द्वारा ‘पिंजरे में बंद तोता’ बताई गयी सीबीआई उनकी छवि बिगाड़ने की कोशिश कर रही है।

पहले त्यागी के वकील ने दावा किया था कि अगस्तावेस्टलैंड से वीवीआईपी हेलीकॉप्टर खरीदने का फैसला ‘सामूहिक’ था और प्रधानमंत्री कार्यालय भी इसमें शामिल था। सीबीआई ने आरोप लगाया था कि त्यागी ने अपने पद का दुरुपयोग किया और जब वह एयर चीफ मार्शल थे तो उन्होंने जमीन एवं अन्य संपत्तियों में बहुत निवेश किया और आय का स्रोत नहीं बताया।

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