रांची स्टेशन देश के उन 25 स्टेशनों में से एक है जो आने वाले दिनों मेंवर्ल्ड क्लास यात्री सुविधाओं से युक्त होगा. लेकिन बात अगर वर्तमान की करें तो स्टेशन पर बुनियादी सुविधाओं का घोर अभाव है. रांची स्टेशन का विस्तार तो कर दिया गया है, लेकिन सुविधाएं वर्षों पुरानी हैं.
बुनियादी सुविधाओं के अभाव में यात्रियों को काफी परेशानी झेलनी पड़ती है. प्लेटफॉर्म नंबर दो – तीन और चार – पांच पर न तो पीने के पानी की उचित व्यवस्था है और न ही शौचालय हैं. सभी प्लेटफॉर्मों को मिला कर एक शौचालय है. यह शौचालय भी प्लेटफॉर्म नंबर 1 पर है. ऐसे में जो यात्री दो – तीन या चार पांच पर गाड़ियों का इंतजार करते हैं, उन्हें काफी परेशानी झेलनी पड़ती है.
सुविधाओं की बात करें तो केवल शौचालय की बात ही नहीं पीने के पानी या फिर शेड भी चार पांच नंबर प्लेटफॉर्म पर अच्छे तरीके से नहीं बनाए गए हैं. नतीजा बरसात और गर्मी के दिनों में यात्री छत ढूंढने के लिए परेशान रहते हैं. वहीं उन बुनियादी सुविधाओं की कमी पर रेलवे अधिकारियों की अपनी अलग दलील है.रांची स्टेशन देश के उन 25 स्टेशनों में से एक है जो आने वाले दिनों मेंवर्ल्ड क्लास यात्री सुविधाओं से युक्त होगा. लेकिन बात अगर वर्तमान की करें तो स्टेशन पर बुनियादी सुविधाओं का घोर अभाव है. रांची स्टेशन का विस्तार तो कर दिया गया है, लेकिन सुविधाएं वर्षों पुरानी हैं.
बुनियादी सुविधाओं के अभाव में यात्रियों को काफी परेशानी झेलनी पड़ती है. प्लेटफॉर्म नंबर दो – तीन और चार – पांच पर न तो पीने के पानी की उचित व्यवस्था है और न ही शौचालय हैं. सभी प्लेटफॉर्मों को मिला कर एक शौचालय है. यह शौचालय भी प्लेटफॉर्म नंबर 1 पर है. ऐसे में जो यात्री दो – तीन या चार पांच पर गाड़ियों का इंतजार करते हैं, उन्हें काफी परेशानी झेलनी पड़ती है.
सुविधाओं की बात करें तो केवल शौचालय की बात ही नहीं पीने के पानी या फिर शेड भी चार पांच नंबर प्लेटफॉर्म पर अच्छे तरीके से नहीं बनाए गए हैं. नतीजा बरसात और गर्मी के दिनों में यात्री छत ढूंढने के लिए परेशान रहते हैं. वहीं उन बुनियादी सुविधाओं की कमी पर रेलवे अधिकारियों की अपनी अलग दलील है.बता दें कि साफ सफाई और स्वच्छता के साथ-साथ विकास को लेकर रेलवे हर वर्ष करोड़ों रूपए इस स्टेशन पर खर्च करता है. लेकिन इन बुनियादी सुविधाओं को बढ़ाने के लिए कोई पहल नहीं होती. ऐसे में वर्ल्ड क्लास स्टेशन का सपने दिखाने वाली रेलवे यात्रियों की बुनियादी जरूरतों पर ध्यान दे तो ये यात्रियों के हक में होगा.