बुलंदशहर। उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में पिछले दिनों हुई हिंसा के दौरान इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह की हत्या के आरोपी फौजी को जम्मू-कश्मीर से गिरफ्तार कर लिया गया है। सूत्रों ने बताया कि जीतेंद्र मलिक उर्फ जीतू फौजी ने शुक्रवार रात सोपोर में अपनी यूनिट ज्वाइन की थी। जिसके बाद उसे उत्तर प्रदेश पुलिस की विशेष कार्य बल (एसटीएफ) के हवाले कर दिया गया। सेना ने इस बाबत एक बयान जारी कर बताया कि आरोपी सैनिक की गिरफ्तारी के लिए यूपी पुलिस ने सेना के उत्तरी कमान से मदद मांगी गयी थी और हमने पूरे सहयोग का आश्वासन दिया है।
जीतू फौजी ने अपनी सफाई में कही ये बात
सूत्रों के मुताबिक, जीतेंद्र मलिक ने अपनी यूनिट से बताया, ‘मैं एफआईआर दर्ज करवाने के लिए 30 अन्य लोगों के साथ पुलिस स्टेशन गया था। लेकिन मार पिटाई शुरू हो गयी और भाग गया। मैं उस जगह मौजूद नहीं था। जहां पुलिस इंस्पेक्टर को गोली मारी गयी। वहीं मेरठ जोन के आईजी राम कुमार ने बताया कि गांव वालों के बयान के आधार पर पता चला कि जीतू फौजी ने ही कथित रूप से इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह को गोली मारी थी। आइजी ने बताया कि जीतू वहां महाव गांव का रहने वाला था और उससे पूछताछ के बाद ही पुलिस अधिकारी की हत्या में उसकी भूमिका स्पष्ट हो पायेगी।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, पुलिस को मिले बुलंदशहर हिंसा के वीडियो में इंस्पेक्टर सुबोध सिंह की हत्या के वक्त जीतू उनके बेहद करीब खड़ा था। वहीं जीतू की मां रतना कौर का कहना है कि वह उस वीडियो में अपने बेटे को नहीं पहचान पा रही हैं। वहीं रिश्तेदारों का कहना है कि जीतू उस वक्त घटनास्थल पर ही मौजूद था। उन्होंने बताया कि इस घटना के बाद वह तुरंत जम्मू कश्मीर के लिए निकल गया था।
जीतू की मां का कहना है कि अगर उनके बेटे ने पुलिस इंस्पेक्टर को गोली मारी है, तो वह खुद उसकी जान ले लेंगी। ‘अगर कोई पुलिस वाले को मारते हुए जीतू की कोई तस्वीर या वीडियो जैसे सबूत मिलता है, तो मैं खुद उसे मार डालूंगी। वह कहती हैं, ‘मैं निर्दयी नहीं। उस पुलिसवाले और चिंगरवटी के लड़के की मौत का मुझे भी दुख हैं।’ बता दें कि बुलंदशहर के स्याना स्थित चिंगरावटी में गोकशी के शक को लेकर भीड़ की हिंसा में थाना कोतवाली में तैनात इंस्पेक्टर सुबोध सिंह और सुमित नामक एक अन्य युवक की मौत हो गयी थी। इस मामले में 27 नामजद लोगों तथा 50-60 अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है।