नयी दिल्ली। आर्मी के जनरल कोर्ट मार्शल (जीसीएम) में रविवार को एक मेजर जनरल को यौन शोषण का दोषी पाया गया। आर्मी कोर्ट ने अफसर की बर्खास्तगी की सिफारिश की है। यौन शोषण का मामला दो साल पुराना था। मेजर जनरल ने बीते सालों में हुई सेना के कई आॅपरेशनों में अहम भूमिका निभाई थी।
आर्मी कोर्ट ने तड़के 3.30 बजे सुनाया फैसला
सेना के अफसर के मुताबिक- लेफ्टिनेंट जनरल रैंक के अफसर की अगुआई में जीसीएम ने रविवार तड़के 3.30 बजे फैसला सुनाया। आरोपी अफसर को आइपीसी की धारा 354ए और आर्मी एक्ट 45 के तहत दोषी पाया गया। आर्मी एक्ट 45 सेना के किसी अफसर के गलत आचरण से संबंधित है। 354 ए यानी यौन संबंध की इच्छा से शारीरिक स्पर्श करना।
सेना के सूत्र ने बताया- आरोपी को पहले धारा 354 (छेड़छाड़) के तहत आरोपी बनाया गया था, लेकिन कोर्ट ने खास तरह से जांच करायी और अफसर को 354ए के तहत दोषी करार दिया। आर्मी कानून के मुताबिक- जीसीएम की सिफारिश सेना प्रमुख समेत उच्चाधिकारियों को भेजी जायेगी। इन उच्चाधिकारियों को सजा को बदलने का अधिकार है। दोषी मेजर जनरल की तरफ से पैरवी करने वाले वकील आनंद कुमार ने बताया- हम फैसले के खिलाफ अपील करेंगे। आर्मी कोर्ट ने डिफेंस की तरफ से पेश किये गये सबूतों को ठीक से नहीं देखा और जल्दबाजी में फैसला सुना दिया।
2016 का मामला, तब नॉर्थईस्ट में पोस्टेड था
कथित घटना 2016 के अंत में तब हुई थी, जब मेजर जनरल को पूर्वोत्तर में तैनात किया गया था। आरोपी को अनुशासनात्मक कार्यवाही के तहत सेना की पश्चिमी कमान के चंडीमंदिर तैनात कर दिया गया था। सूत्रों का कहना है कि मेजर जनरल कैप्टन रैंक की अफसर के यौन शोषण से इनकार कर चुका है। आर्म्ड फोर्स ट्रिब्यूनल में केस रखे जाने से पहले अफसर ने दावा किया था कि वह सेना के भीतर गुटबाजी का शिकार था, जो उस साल सेना प्रमुख की नियुक्ति के कारण कथित रूप से पैदा हुआ था।