आजाद सिपाही संवाददाता
रांची। युगांतर भारती और नेचर फाउंडेशन ट्रस्ट की ओर से आयोजित पर्यावरण पाठशाला में कहा गया कि समय के साथ विकास के लिए पेड़ों की कटाई हुई, लेकिन इससे पर्यावरण का भी नाश हुआ है। विचार उभरा कि राजनीतिक दलों को इस बार लोकसभा चुनाव से पूर्व घोषण-पत्र में पर्यावरण संरक्षण तथा प्रदूषण नियंत्रण के बारे में भी बातें रखनी चाहिए, ताकि पता चले कि वे आमजन के स्वास्थ्य के बारे में बेहतरी की मंशा रखते हैं। पाठशाला का आयोजन युगांतर भारती परिसर सिदरौल नामकोम में किया गया।
इसमें पर्यावरणीय कानून के संदर्भ में जानकारी दी गयी। रक्षा शक्ति विवि के प्रोफेसर सिद्धांत चंद्र ने भारतीय संविधान में दी गयी जानकारी को साझा किया। वायु एवं जल प्रदूषण पर तथ्यात्मक विचार रखे। उन्होंने रांची-हजारीबाग सड़क बनने के दौरान हुई पेड़ों की कटाई से होने वाले नुकसान की जानकारी दी। कहा कि ग्लोबल वार्मिंग और जलवायु पविर्तन अब वैज्ञानिक चिंता के साथ-साथ-साथ आमजन के लिए भी चर्चा का विषय बना है।

इनकी रही मौजूदगी
प्रवीण सिंह, आशीष शीतल, अंशुल शरण, निरंजन सिंह, उमेश दास, मिल वंदना सुरेन, बजरंग कुमार, माधुरी सिन्हा, शाइमा अफरीन, विजय कुमार सिंह, ब्रजेश कुमार शर्मा, संतोष कुमार, मुकेश कुमार, अंगद मुंडा, नीरज कुमार, अमित कुमार सिन्हा, पुष्पा टोपनो, अनिल कुजूर, रेखा देवी समेत अन्य उपस्थित थे। अतिथियों को पौधा देकर सम्मानित किया गया। इसमें प्रत्येक जिलों के खनन क्षेत्रों से आये दो-दो प्रशिक्षणार्थियों को प्रशस्ति पत्र दिया गया।

वायु प्रदूषण के कारण बढ़ी बीमारी: सरयू
मंत्री सरयू राय ने कहा कि वायु प्रदूषण को अपनी दिनचर्या में प्राथमिकता से रखने की जरूरत है। शहरों में गाड़ियों के बढ़ने और पेड़ों की कटाई से विकास तो हुआ, परंतु पर्यावरण का नाश हो गया। हमें रोगियों की संख्या की गणना करनी होगी कि कैसे आर्थिक क्षति हो रही है। बचरा रेलवे स्टेशन में कोयला ढुलाई के कारण रेलगाड़ी के ड्राइवर को सिग्नल दिखाई नहीं पड़ता है, जिसके कारण कभी भी बड़ी दुर्घटना हो सकती है।

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