रायपुर। मंगलवार को यहां लोकतंत्र की ताकत का अनोखा उदाहरण देखने को मिला। छत्तीसगढ़ में एक ऐसे विधायक ने मंत्री पद की शपथ ली, जो पढ़ना नहीं जानते। उनका शपथ पत्र राज्यपाल ने पढ़ा। छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की कैबिनेट में कोंटा के विधायक कवासी लखमा भी शामिल किये गये हैं। उन्होंने दूसरे विधायकों के साथ मंगलवार को शपथ ली। लखमा पढ़ना भी नहीं जानते हैं। लिहाजा वह अपना शपथ पत्र नहीं पढ़ पाये। राज्यपाल ने उनका पत्र पढ़ा और शपथ की औपचारिकता पूरी करायी।
मंच पर जब कवासी लखमा का नाम पुकारा गया, तब वह शपथ ग्रहण करने के लिए आये, मगर औपचारिक शिक्षा नहीं हासिल करने के कारण वह खुद शपथ नहीं पढ़ सके। इसके बाद छत्तीसगढ़ का अतिरिक्त प्रभार संभाल रहीं राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने पूरी शपथ पढ़ी। लखमा इस दौरान राज्यपाल के पीछे-पीछे शपथ दोहराते नजर आये।लखमा ने औपचारिक शिक्षा भले ही नहीं हासिल की हो मगर इसके बावजूद वह न्यूजीलैंड, आस्ट्रेलिया और सिंगापुर जैसे कई देशों की यात्रा कर चुके हैं।
सर्वश्रेष्ठ सरपंच भी रहे
कवासी लखमा का जन्म साल 1953 में सुकमा जिले के नागारास गांव में हुआ। उनकी पत्नी का नाम कवासी बुधरी है और उनके दो बेटे और दो बेटियां हैं। अनुसूचित जाति से आने वाले लखमा राज्य के गठन के बाद से ही लगातार चुनाव जीतते रहे हैं। वह बस्तर की कोंटा सीट से विधायक हैं। विपक्ष में रहते हुए वह उप नेता विपक्ष की भूमिका निभा चुके हैं।