आजाद सिपाही संवाददाता
रांची। शिक्षा मंत्री नीरा यादव और पारा शिक्षकों के बीच गुरुवार की शाम हुई वार्ता में कोई हल नहीं निकला। स्थायीकरण और वेतनमान में बढ़ोत्तरी के मुद्दे पर पेंच फंस गया। दो घंटे तक चली वार्ता के बाद पारा शिक्षकोें ने इसे विफल बताया। कहा कि स्थायीकरण और वेतनमान से कम मंजूर नहीं है। वहीं शिक्षा मंत्री ने कहा कि पारा शिक्षकों को स्थायी करना वर्तमान परिवेश में संभव नहीं है। उन्हें स्थायीकरण के लिए लिखित परीक्षा से गुजरना होगा। उन्होंने यह भी कहा कि पारा शिक्षक जिस बेतहाशा वेतन वृद्धि की मांग कर रहे हैं, वह भी देना संभव नहीं है। शिक्षा मंत्री ने छत्तीसगढ़ मॉडल को लागू करने में असमर्थता जतायी।
बताते चलें कि 42 दिन बाद पारा शिक्षकों को वार्ता के लिए सरकार की तरफ आमंत्रण मिला था। इसके आलोक में पारा शिक्षकों का दस सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल वार्ता में शामिल हुए। सरकार की तरफ से शिक्षा मंत्री और शिक्षा सचिव एपी सिंह मौजूद थे। वार्ता में अस्थायी वेतनमान और मानदेय वृद्धि को लेकर चर्चा हुई। इसके बाद पारा शिक्षकों ने वार्ता को विफल बताया। पारा शिक्षकों ने दुख जताया कि अब भी सरकार अपने पुराने ढर्रे पर कायम है। वार्ता में पारा शिक्षकों ने शिक्षा मंत्री के सामने नये वेतनमान के रूप में 20 हजार से 25 हजार रुपये मासिक वेतनमान की मांग की, जिसे सरकार की तरफ से अमान्य कर दिया गया। वार्ता विफल होने के बाद पारा शिक्षकों ने कहा कि राज्यस्तरीय बैठक 30 दिसंबर को होगी। उस दिन आंदोलन की नयी रूपरेखा तय की जायेगी। सरकार सकारात्मक तरीके से वार्ता के लिए आयी, लेकिन हमें हमारी मांगों के अनुरूप आश्वासन नहीं मिला। हमारा आंदोलन जारी रहेगा। उन्होंने कहा कि वार्ता के दौरान सरकार का रवैया पुराना ही था।