लंदन। भगोड़े शराब कारोबारी विजय माल्या ने प्रत्यर्पण पर फैसला आने से 5 दिन पहले कहा है कि वह पूरा कर्ज चुकाने को तैयार है। माल्या ने ट्वीट के जरिए भारतीय बैंकों और सरकार से अपील करते हुए कहा है कि उसका प्रस्ताव मान लिया जाए। माल्या पर भारतीय बैंकों के 9,000 करोड़ रुपए बकाया हैं। उसके भारत प्रत्यर्पण पर यूके की अदालत 10 दिसंबर को फैसला सुना सकती है।

नेताओं, मीडिया ने किया दुष्प्रचार: माल्या
विजय माल्या का कहना है कि ‘प्रत्यपर्ण पर फैसले का मामला अलग है। इसमें कानून के मुताबिक कार्रवाई होगी। लेकिन, जनता के पैसे का भुगतान अहम बात है और मैं 100% चुकाने के लिए तैयार हूं।’
माल्या ने कहा, ‘नेता और मीडिया उसके डिफॉल्टर होने और सरकारी बैंकों से लोन लेकर भागने की बात जोर-शोर से कह रहे हैं। यह गलत है। मेरे साथ सही बर्ताव क्यों नहीं होता? साल 2016 में जब मैंने कर्नाटक हाईकोर्ट में सेटलमेंट का प्रस्ताव रखा था तो इसका प्रचार क्यों नहीं किया गया?’

माल्या की दलील है कि ‘हवाई ईंधन महंगा होने की वजह से किंगफिशर एयरलाइंस की हालत बिगड़ी। एयरलाइंस 140 डॉलर प्रति बैरल के सबसे ऊंचे क्रूड भाव के दौर से गुजरी थी। इस वजह से घाटा हुआ और बैंकों से लिए लोन की रकम खर्च हुई। मैंने पूरा मूलधन चुकाने का प्रस्ताव दिया था।’ शराब कारोबारी का कहना है कि ‘किंगफिशर तीन दशक तक भारत का सबसे बड़ा एल्कोहॉलिक ब्रेवरेज ग्रुप था। इस दौरान हमने सरकारी खजाने में हजारों करोड़ रुपए का योगदान दिया। किंगफिशर एयरलाइंस को खोने के बाद भी मैं बैंकों के नुकसान की भरपाई के लिए तैयार हूं।’

माल्या के प्रत्यर्पण पर 10 दिसंबर को फैसले की उम्मीद
विजय माल्या के प्रत्यर्पण का मामला लंदन के वेस्टमिंस्टर कोर्ट में चल रहा है। अदालत 10 दिसंबर को फैसला सुना सकती है। कोर्ट में 12 सितंबर को आखिरी सुनवाई हुई थी। माल्या पर भारतीय बैंकों से लिया लोन नहीं चुकाने के आरोप हैं। वह मार्च 2016 में लंदन भाग गया था।

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