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    Home»Top Story»कोल्हान में झामुमो को गढ़ बचाने की चुनौती
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    कोल्हान में झामुमो को गढ़ बचाने की चुनौती

    azad sipahi deskBy azad sipahi deskDecember 1, 2019No Comments5 Mins Read
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    भाजपा के सामने जनाधार बढ़ाने का चैलेंज
    दूसरे चरण के चुनाव में जमशेदपुर पूर्वी सबसे हॉट सीट
    दूसरे चरण के विधानसभा चुनाव में कोल्हान की जमशेदपुर पूर्वी सीट हॉट सीट बनकर उभरी है। इस सीट पर रघुवर दास, उनकी कैबिनेट में मंत्री रहे और अब निर्दलीय सरयू राय तथा कांग्रेस के गौरव बल्लभ मैदान में हैं। दिलचस्प यह है कि मुख्यमंत्री रहते पहली बार रघुवर दास चुनावी मैदान में हैं। इस सीट से वह पांच दफा जीत हासिल कर चुके हैं, इसलिए उनके आत्मविश्वास का ग्राफ चढ़ा हुआ है, पर सरयू राय और गौरव बल्लभ के अलावा झाविमो के अभय सिंह के मैदान में कूदने से यहां मुकाबला रोचक हो गया है। रघुवर ने बीते विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के आनंद बिहारी दुबे को 70 हजार 157 वोटों के अंतर से हराया था। पर इस दफा मुकाबला उनके लिए सरयू राय के मैदान में उतरने के कारण आसान नहीं रह गया है। इस सीट पर तीन बड़े मुद्दे हैं, जिनमें पहला रोजगार, दूसरा बस्तियों को मालिकाना हक और तीसरा बदहाल स्वास्थ्य सेवा है। इस सीट पर मुख्यमंत्री रघुवर दास के सामने जहां अपने तीन प्रतिद्वंद्वियों से भिड़ने की चुनौती है, वहीं इन मुद्दों पर वोटरों को साधने की भी चुनौती है। बस्तियों को मालिकाना हक के मामले में भाजपा ने जहां लीज कार्ड खेला है, वहीं विपक्ष इसे मुद्दा बनाने की कोशिश में है। वहीं जमशेदपुर पश्चिमी सीट पर इस बार भी भाजपा और कांग्रेस के बीच कांटे का मुकाबला है। इस सीट पर कांग्रेस से जहां बन्ना गुप्ता हैं, वहीं भाजपा ने यहां से सरयू राय का टिकट काटकर देवेंद्र सिंह को चुनाव के मैदान में उतारा है। बीते विधानसभा चुनाव में मोदी लहर के बाद भी बन्ना गुप्ता ने 84 हजार से अधिक मत लाकर सबको चौंकाया था। इस दफा सरयू राय मैदान में नहीं हैं और भाजपा के देवेंद्र सिंह को वोटरों को साधने के साथ डैमेज कंट्रोल भी करना है। इसलिए बन्ना गुप्ता कमाल दिखा दें तो किसी को आश्चर्य नहीं होगा।

    आठ-आठ पर है भाजपा और झामुमो का कब्जा
    दूसरे चरण की जिन 20 सीटों पर सात दिसंबर को मतदान होगा, उनमें बहरागोड़ा, घाटशिला, पोटका, जुगसलाई, जमशेदपुर पूर्वी, जमशेदपुर पश्चिमी, सरायकेला, खरसावां, चाईबासा, मझगांव, जगन्नाथपुर, मनोहरपुर, चक्रधरपुर, तमाड़, मांडर, तोरपा, खूंटी, सिसई, सिमडेगा और कोलेबिरा सीट शामिल है। बहरागोड़ा सीट पर बीते विधानसभा चुनाव में झामुमो के टिकट पर कुणाल षाडंÞगी ने जीत हासिल की थी। उनके भाजपा में आने के बाद झामुमो ने यहां से समीर मोहंती को उम्मीदवार बनाया है। इस सीट पर मुख्य मुकाबला भाजपा और झामुमो के बीच में है।
    पश्चिमी सिंहभूम की मनोहरपुर विधानसभा सीट पर मुख्य मुकाबला इस बार झामुमो के टिकट पर चुनाव के मैदान में उतरी जोबा मांझी और भाजपा प्रत्याशी गुरुचरण नायक के बीच में है। इस बार यहां आजसू ने बिरसा मुंडा को मैदान में उतारा है। इस सीट पर कुल 15 प्रत्याशी ताल ठोक रहे हैं। वर्ष 2014 के विधानसभा चुनाव में इस सीट पर जोबा मांझी ने जीत हासिल की थी। इस दफा उनके सामने अपनी सीट बरकरार रखने की चुनौती है, वहीं भाजपा किसी भी कीमत पर इस सीट पर कब्जा जमाना चाहेगी। जुगसलाई सीट पर लंबे समय से आजसू का कब्जा बरकरार है। इस सीट से आजसू के रामचंद्र सहिस विधायक हैं और उनका मुकाबला झामुमो के मंगल कालिंदी से है। वहीं खरसावां सीट पर बीते विधानसभा चुनाव में झामुमो प्रत्याशी दशरथ गगराई ने विजय हासिल की थी। उन्होंने भाजपा के अर्जुन मुंडा को हराया था। अर्जुन मुंडा अब खूंटी लोकसभा सीट से जीतकर एमपी बन चुके हैं। यहां एक बार फिर मुकाबला भाजपा और झामुमो के बीच ही है। इस दफा यहां मुकाबला सीटिंग विधायक दशरथ गगराई और झामुमो के जवाहर बानरा के बीच है। वर्ष 2014 के चुनाव परिणाम पर नजर डालें तो इन 20 सीटों पर भाजपा और झामुमो में बराबर की जंग हुई थी। चुनाव में दोनों दलों के खातों में आठ-आठ सीटें गयी थीं। भाजपा ने जहां घाटशिला, पोटका, जमशेदपुर पूर्वी और पश्चिमी, खूंटी, मांडर और सिमडेगा सीट पर कब्जा जमाया था, वहीं झामुमो ने बहरागोड़ा, सरायकेला, चाईबासा, मझगांव, मनोहरपुर, चक्रधरपुर और खरसावां जीत पर जीत दर्ज की थी। बाकी बची चार सीटों में से आजसू ने जुगसलाई और तमाड़ सीट पर विजय हासिल की थी, वहीं कांग्रेस के नमन विक्सल कोनगाड़ी ने एनोस के जेल जाने के बाद यहां से जीत हासिल की थी। जय भारत समानता पार्टी के टिकट पर गीता कोड़ा ने जगन्नाथपुर सीट से चुनाव जीता था। वह अब लोकसभा सांसद बन चुकी हैं। बहरागोड़ा सीट पर कुणाल के आने से भाजपा मजबूत दिख रही है। बीते विधानसभा चुनाव में कोल्हान की सीटों पर झामुमो ने अपना दबदबा दिखाया था। इस दफा उसे कांग्रेस और राजद का साथ मिला है। ऐसे में आदिवासी बहुल इस सीट पर एनडीए और महागठबंधन में कांटे की टक्कर होने के आसार हैं और इसका परिणाम भविष्य के गर्भ में है।

    जमशेदपुर पूर्वी में कब्जा बरकरार रखना चाहेंगे रघुवर
    झारखंड की राजनीति के जानकारों का कहना है कि दूसरे चरण की 20 सीटों पर इस चुनाव में भाजपा और झामुमो दोनों अपनी-अपनी सीटों पर कब्जा जमाये रखना चाहेंगे इसलिए मुख्य मुकाबला इन्हीं दलों के बीच है। इन 20 सीटों में से सबसे हॉट सीट जमशेदपुर पूर्वी भाजपा की परंपरागत सीट रही है और यहां से रघुवर दास बीते पांच दफा से चुनाव जीतते आ रहे हैं। इसलिए इस दफा भी वह अपना दुर्ग बरकरार रखना चाहेंगे।
    इस सीट पर सरयू राय के कूद पड़ने से मुकाबला थोड़ा टफ जरूर हो गया है पर क्षेत्र में लगातार जनता के साथ रहने के कारण रघुवर दास के लिए मुकाबला बहुत कठिन नहीं होगा। सरयू राय इस सीट पर अपने साथ हुए अन्याय की दुहाई देकर चुनाव के मैदान में हैं और वह मुद्दों पर राजनीति करने के लिए जाने जाते हैं। ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि जनता जनार्दन इन सीटों पर किसके गले में ताज डालती है और किन्हें हार का मुंह दिखाती है।

    Challenge of saving JMM stronghold in Kolhan
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