अजय शर्मा
जमशेदपुर। रांची में मुख्यमंत्री के रूप में रहनेवाले रघुवर दास और जमशेदपुर पूर्वी के विधायक रघुवर दास में असमान-जमीन का फर्क दिखा। बुधवार को रघुवर दास खड़ंगाझाड़ के कम्युनिटी हॉल परिसर में वोट मांगने पहुंचे थे। सुरक्षा के ताम-झाम से दूर प्लास्टिक की कुर्सी पर बैठे मुख्यमंत्री। सामने मुहल्ले की महिलाएं और बुजुर्ग भी प्लास्टिक की कुर्सी पर ही। कोई मां की भूमिका में, तो कोई बहन, तो कोई भाई की भूमिका में। जमशेदपुर में रघुवर का यह सामान्य चेहरा देखने को मिला। यहां के लिए वह सीएम नहीं हैं और न ही उन्होंने सीएम की कोई छवि बनायी है। रघुवर जमशेदपुर पूर्वी सीट पर सिर्फ दास बन कर रहना चाहते हैं। वही वह आसपास बैठे लोगों को बता रहे थे। न हाथी, न घोड़ा न पालकी, सीएम पहुंचे थे मोटर साइकिल से। वह भी कोई काफिला नहीं था। कम्युनिटी हॉल परिसर में विशेष शाखा के कुछ जवान थे, जो बगल की सीढ़ियों पर बैठे थे। मुख्यमंत्री एक-एक कर लोगों से बात कर रहे थे। इसी मौके पर एक बुजुर्ग ने उन्हें एक पुस्तक भी भेंट की, जो चार धाम की यात्रा के बाद बुजुर्ग ने लिखा था। रघुवर दास ने वहां लोगों को संबोधित किया। कहा कि मिलावटियों को वोट नहीं देना है। उनका इशारा कांग्रेस और झामुमो की ओर था।
मिलावटी भोजन किसी को पसंद नहीं
बातचीत के दौरान रघुवर ने सवाल भी किया कि मिलावटी भोजन आपको पसंद है। सबों ने ना कहा। इस पर रघुवर बोले, वैसे ही मिलावटी सरकार भी ठीक नहीं होती। एक बार कांग्रेस, झामुमो और राजद की सरकार बनी, तो 4000 करोड़ का स्कैम हो गया। रघुवर दास ने कहा कि यह इलाका मजदूरों का है और मजदूर धोखा नहीं देते। मैं खुद मजदूर हूं। खूब काम करता हूं। वह अपनी सरकार की योजनाओं को गिना भी रहे थे। उन्हें लोगों ने चाय-बिस्किट का इंतजाम किया था। इसके बाद सीएम कुछ महिलाओं से मिले। सब लोग अपने-अपने तरीके से मुहल्ले की समस्याएं बता रहे थे। मुख्यमंत्री यहां मोटर साइकिल से पहुंचे थे। उनके पीछे 10-12 मोटर साइकिल थी। एक-एक व्यक्ति के घर जाकर वोट मांग रहे थे। रांची में जहां सीएम से मिलने के लिए बड़ी सुरक्षा व्यवस्था में जांच प्रक्रिया पूरी करने के बाद मिलना संभव होता है, वहीं जमशेदपुर में ऐसा लगा, जैसे वह यहां के लिए मुख्यमंत्री नहीं, आम नागरिक हों।
छठी बार पूर्वी जमशेदपुर से रघुवर भाजपा के उम्मीदवार हैं। वह इस विधानसभा क्षेत्र में रहनेवाले लोगों के जेहन में रचे-बसे हैं। पलट कर देखने से भी दूर-दूर तक इनके पीछे कोई नहीं है।
सड़क किनारे बैठे लोगों से भी मिले
मुख्यमंत्री यहां से टेल्को होते हुए बिरसा नगर पहुंचे। सड़क के किनारे कुछ लोग कुर्सी पर बैठे थे। उनसे मिले। वह भी बगैर सुरक्षा घेरे के। वोट मांगा। लोगों ने सीएम को भरोसा दिया कि इस बार भी इस क्षेत्र के विधायक रघुवर ही होंगे। चुनाव प्रचार का यह अनोखा अंदाज पूर्वी जमशेदपुर में देखने को मिला। न तो लाउड स्पीकर का शोर और न ही वाहनों का काफिला। भरोसे से लबरेज सीएम किसी से गले मिल रहे थे, तो किसी से हाथ मिला रहे थे। मुख्यमंत्री आवास में रहनेवाले कुछ ही लोगों को यह पता था कि चुनाव प्रचार किस इलाके में सीएम करने गये हैं। रघुवर का मानना था कि अगर वह शोर कर जाते, तो भारी भीड़ उनके पीछे होती और वह आम लोगों से नहीं मिल पाते। यही वजह है कि वह कुछ ही लोगों को जानकारी देकर चुपचाप निकल गये थे। वोटरों का उत्साह देखकर लगता है कि इस सीट पर लंबा छक्का लगना तय है।