Close Menu
Azad SipahiAzad Sipahi
    Facebook X (Twitter) YouTube WhatsApp
    Sunday, June 8
    • Jharkhand Top News
    • Azad Sipahi Digital
    • रांची
    • हाई-टेक्नो
      • विज्ञान
      • गैजेट्स
      • मोबाइल
      • ऑटोमुविट
    • राज्य
      • झारखंड
      • बिहार
      • उत्तर प्रदेश
    • रोचक पोस्ट
    • स्पेशल रिपोर्ट
    • e-Paper
    • Top Story
    • DMCA
    Facebook X (Twitter) Instagram
    Azad SipahiAzad Sipahi
    • होम
    • झारखंड
      • कोडरमा
      • खलारी
      • खूंटी
      • गढ़वा
      • गिरिडीह
      • गुमला
      • गोड्डा
      • चतरा
      • चाईबासा
      • जमशेदपुर
      • जामताड़ा
      • दुमका
      • देवघर
      • धनबाद
      • पलामू
      • पाकुर
      • बोकारो
      • रांची
      • रामगढ़
      • लातेहार
      • लोहरदगा
      • सरायकेला-खरसावाँ
      • साहिबगंज
      • सिमडेगा
      • हजारीबाग
    • विशेष
    • बिहार
    • उत्तर प्रदेश
    • देश
    • दुनिया
    • राजनीति
    • राज्य
      • मध्य प्रदेश
    • स्पोर्ट्स
      • हॉकी
      • क्रिकेट
      • टेनिस
      • फुटबॉल
      • अन्य खेल
    • YouTube
    • ई-पेपर
    Azad SipahiAzad Sipahi
    Home»Top Story»झारखंड का शहंशाह कौन, इस बार आर या पार
    Top Story

    झारखंड का शहंशाह कौन, इस बार आर या पार

    azad sipahi deskBy azad sipahi deskDecember 21, 2019No Comments5 Mins Read
    Facebook Twitter WhatsApp Telegram Pinterest LinkedIn Tumblr Email
    Share
    Facebook Twitter WhatsApp Telegram LinkedIn Pinterest Email

    परिणामों की चिंता में दोनों नेताओं की गायब हो गयी नींद
    झारखंड का अगला शहंशाह कौन होगा, यह 23 दिसंबर की तारीख तय करेगी। वर्ष 2014 के विधानसभा चुनाव के बाद 23 दिसंबर को ही चुनाव के परिणाम आये थे और भाजपा के हाथों पहली बार अपने बूते 37 विधायकों की जीत आयी थी। सर्वसम्मति से इसके बाद झारखंड में रघुवर दास की ताजपोशी की गयी थी और अपने पांच साल के कार्यकाल में स्थिर सरकार का मुखिया रहते उन्होंने बखूबी अपने दायित्वों का निर्वहन किया है। इस चुनाव में भाजपा ने मुख्यमंत्री रघुवर दास के नेतृत्व में ही चुनाव अभियान का संचालन किया, वहीं झामुमो, कांग्रेस और राजद गठबंधन ने सर्वसम्मति से हेमंत सोरेन को अपना नेता और मुख्यमंत्री पद का चेहरा स्वीकारा है।
    जाहिर है कि रघुवर या हेमंत, जो भी चुनाव में जीत हासिल करेंगे, उनके सिर पर जीत का सेहरा भी बंधेगा, वहीं हार की स्थिति में भी ठिकरा भी उन्हीं के सिर फूटेगा। 20 दिसंबर को संथाल की 16 सीट पर मतदान के साथ ही इन दोनों नेताओं की नींद गायब हो गयी है। हालांकि रघुवर दास की चिंता तो जमशेदपुर पूर्वी सीट पर सरयू राय के तगड़े मुकाबले के बाद से ही बढ़ी हुई है, पर अब तो चुनाव का जजमेंट डे नजदीक होने के कारण उनका चिंतित होना स्वाभाविक है। इधर, हेमंत सोरेन की चिंता यह है कि दुमका और बरहेट दोनों सीटों पर रिजल्ट क्या आता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की 15 दिसंबर को दुमका और 17 दिसंबर को बरहेट में हुई सभाओं के जरिए भाजपा ने हेमंत सोरेन की राह रोकने के लिए पूरी ताकत झोंकी। बीती दफा हेमंत सोरेन दुमका सीट पर लुइस मरांडी के हाथों हार गये थे। हालांकि बरहेट सीट जीतकर वे अपनी प्रतिष्ठा बचाने में सफल रहे थे। इस बार उनके सामने दोनों सीटों पर जीत हासिल करने की चुनौती है। दूसरी तरफ भाजपा दोनों सीटों पर उन्हें हराने के लिए पूरी ताकत लगाये हुए है।
    लोकसभा चुनाव में झामुमो सुप्रीमो शिबू सोरेन की दुमका से हार के बाद यह सीट झामुमो के लिए सेफ सीट नहीं रह गयी। वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा के सुनील सोरेन ने शिबू सोरेन को 47 हजार से अधिक मतों के अंतर से हराया था। इस सीट पर सांसद और विधायक दोनों ही भाजपा के हैं। इसलिए भी झामुमो की चिंता बढ़ी हुई है। इस सीट पर हेमंत सोरेन के खिलाफ भाजपा ने लुइस मरांडी को उतारा था। दुमका विधानसभा सीट पर ढाई लाख के करीब मतदाता हैं और इसका 52 फीसदी हिस्सा जनजातीय समुदाय का है, जिसमें क्रिश्चियन वोटर भी शामिल हैं। इस सीट पर दस फीसदी आबादी मुसलमानों की है। बाकी 38 फीसदी आबादी में जनरल और ओबीसी मतदाता हैं। वहीं बरहेट सीट की बात करें, तो यहां हेमंत से मुकाबले के लिए भाजपा ने सिमोन मालतो को उम्मीदवार बनाया। बरहेट अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित सीट है और अस्तित्व में आने के बाद से ही झामुमो यहां से जीतता रहा है।
    भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने कहा कि संथाल में भाजपा बड़ी जीत की ओर बढ़ रही है। हेमंत दुमका और बरहेट दोनों सीटों से हारेंगे। वैसे भी संथाल झामुमो का कभी गढ़ नहीं रहा, क्योंकि बीती दफा दुमका लोकसभा सीट से शिबू हारे थे और हेमंत यहां विधानसभा चुनाव हारे थे। इस बार हेमंत की दोनों सीटों पर तगड़ी हार होगी और संथाल की पांचवें चरण की 16 सीटों पर भाजपा बेहतरीन प्रदर्र्शन करेगी। वहीं, झामुमो महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि इस बार संथाल की 16 में से 13 सीटों पर पार्टी उम्मीदवार जीतेंगे। बीती दफा दुमका सीट हमने लूज की थी, पर इसे रिगेन करेंगे, क्योंकि झूठे लोगों और आश्वासनों पर जनता का भरोसा नहीं रहा।
    भाजपा के झूठे दावों और वादों की इस चुनाव में पोल खुल जायेगी। भाजपा को दो सीटों पर हार का अंदेशा था, इसलिए दुमका और बरहेट दोनों सीटों पर उन्होंने प्रधानमंत्री की सभाएं करायीं, पर जनता झामुमो के साथ है।
    संथाल परगना में भाजपा को रघुवर दास के काम के साथ मोदी मैजिक पर भरोसा है। इस चरण में झामुमो को पछाड़ने के लिए भाजपा ने दुमका और बरहेट दोनों सीटों पर प्रधानमंत्री की सभाएं करायीं। इन सभाओं का मकसद मोदी की जादुई छवि का मतदाताओं में प्रभाव जगाना था। वहीं मुख्यमंत्री रघुवर दास ने तो संथाल में भाजपा का सिक्का चलाने के लिए अथक प्रयास किया। यही नहीं, पांच चरणों के चुनाव में रघुवर दास ने 70 से अधिक चुनावी सभाओं में पार्टी प्रत्याशियों के पक्ष में प्रचार किया। प्रधानमंत्री की कई सभाओं में मुख्यमंत्री रघुवर दास शरीक हुए। भाजपा ने मुख्यमंत्री के चेहरे को केंद्र में रखते हुए घर-घर रघुवर अभियान चलाया। संथाल में भाजपा का खास फोकस रहा और इसका नतीजा यह निकला कि यहां के स्कूलों में बेंच डेस्क की व्यवस्था हुई, वहीं जनजातीय समुदाय के परिवारों के बीच डाकिये की मदद से अनाज पहुंचाया गया।
    जाहिर है कि भाजपा हो या झामुमो दोनों में से कोई चुनाव प्रचार में किसी से कम नहीं रहे और दोनों ने संथाल में जीत हासिल करने के लिए खुद को झोंक दिया है। अब 23 सितंबर का जजमेंट डे यह तय करेगा कि संथाल की जनता के भरोसे पर कौन खरा उतरता है।

    this time R or Par Who is the emperor of Jharkhand
    Share. Facebook Twitter WhatsApp Telegram Pinterest LinkedIn Tumblr Email
    Previous ArticleUP में फिर पत्थरबाजी, 10 गाड़ियां फूंकीं
    Next Article संथाल ने दिखाया दम, 71 फीसदी मतदान
    azad sipahi desk

      Related Posts

      झारखंड में आदिवासी लड़कियों के साथ छेड़छाड़, बाबूलाल ने उठाए सवाल

      June 7, 2025

      पूर्व मुख्यमंत्री ने दुमका में राज्य सरकार पर साधा निशाना, झारखंड को नागालैंड-मिजोरम बनने में देर नहीं : रघुवर दास

      June 7, 2025

      गुरुजी से गुरूर, हेमंत से हिम्मत, बसंत से बहार- झामुमो के पोस्टर में दिखी नयी ऊर्जा

      June 7, 2025
      Add A Comment

      Comments are closed.

      Recent Posts
      • झारखंड में आदिवासी लड़कियों के साथ छेड़छाड़, बाबूलाल ने उठाए सवाल
      • पूर्व मुख्यमंत्री ने दुमका में राज्य सरकार पर साधा निशाना, झारखंड को नागालैंड-मिजोरम बनने में देर नहीं : रघुवर दास
      • गुरुजी से गुरूर, हेमंत से हिम्मत, बसंत से बहार- झामुमो के पोस्टर में दिखी नयी ऊर्जा
      • अब गरीब कैदियों को केंद्रीय कोष से जमानत या रिहाई पाने में मिलेगी मदद
      • विकसित खेती और समृद्ध किसान ही हमारा संकल्प : शिवराज सिंह
      Read ePaper

      City Edition

      Follow up on twitter
      Tweets by azad_sipahi
      Facebook X (Twitter) Instagram Pinterest
      © 2025 AzadSipahi. Designed by Microvalley Infotech Pvt Ltd.

      Type above and press Enter to search. Press Esc to cancel.

      Go to mobile version