खूंटी। खूंटी, पश्चिमी सिंहभूम, गुमला, सिमडेगा, लोहरदगा सहित कई जिलों में आतंक का पर्याय बन चुके 15 लाख के इनामी पीएलएफआइ के जोनल कमांडर जीदन गुड़िया को पुलिस ने सोमवार को मार गिराया। मुरहू थाना के कोयंगसेर जंगल में सोमवार को सुबह खूंटी पुलिस और सीआरपीएफ की संयुक्त कार्रवाई में जीदन गुड़िया मारा गया। पुलिस अधीक्षक आशुतोष शेखर ने बताया कि कुख्यात जीदन गुड़िया के विरुद्ध जिले के विभिन्न थानों समेत सीमावर्ती अन्य जिलों में एक सौ संगीन मामले दर्ज हैं। उसके पास से पुलिस ने एक एके-47, रायफल, तीन मैग्जीन, दो वॉकी-टॉकी सेट एवं विभिन्न कंपनियों के 75 सिम सहित अन्य जरूरी सामान बरामद किये हैं। घटनास्थल पर एसडीएम हेमंत सती की उपस्थिति में इंक्वेस्ट कर शव को दोपहर साढ़े तीन बजे मुरहू थाना ले जाया गया।
घटनास्थल पर पत्रकारों से बात करते हुए एसपी ने मुठभेड़ के बारे में बताया कि बीते रविवार को गुप्त सूचना मिली थी कि जीदन गुड़िया अपने दस्ते के आठ-दस सहयोगियों के साथ मुरहू थाना क्षेत्र के कुम्हारडीह एवं कोयंगसेर गांव के आसपास घूम रहा है। इस सूचना पर सीआरपीएफ 94 बटालियन के उप समादेष्टा पीआर मिश्रा एवं एएसपी अभियान रमेश कुमार के नेतृत्व में सीआरपीएफ और जिला बल की तीन टीमों का गठन कर आवश्यक कार्रवाई का निर्देश दिया। छापामार टीम देर रात ही चिह्नित स्थान की ओर रवाना हो गयी और सर्च अभियान शुरू कर दिया। सोमवार की सुबह लगभग साढ़े नौ बजे जब छापामार टीम बनई नदी के समीप एक पहाड़ी पर पहुंची, तो पहाड़ी पर अस्थायी कैंप में अपने सहयोगियों के साथ नाश्ता कर रहे जीदन गुड़िया ने पुलिस बल को देखते ही एके-47 से गोलियां बरसानी शुरू कर दीं। इस पर चौकस जवानों ने मोर्चा लेकर जवाबी कार्रवाई की, जिसमें जीदन गुड़िया मारा गया, जबकि अन्य उग्रवादी भागने में सफल रहे। पुलिस ने जब शव की शिनाख्त की तो मुठभेड़ में शामिल जवानों के चेहरे खिल उठे। एसपी ने कहा कि स्वजनों ने शिनाख्त की कि शव जीदन गुड़िया है। एसपी ने इसे झारखंड पुलिस के लिए एक बड़ी कामयाबी बताया। उन्होंने कहा कि अब पीएलएफआइ में सुप्रीमो दिनेश गोप समेत गिनती के कमांडर बचे हैं। (पेज 3 भी देखें)
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