रांची। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को हत्या की धमकी देने के मामले की जांच तेज हो गयी है। अब इस मामले में जर्मनी और स्विटरलैंड को अनुरोध पत्र भेजने के लिए सीआइडी द्वारा अदालत से आग्रह किये जाने का फैसला किया गया है। इस मामले की जांच सीआइडी कर रही है।
जानकारी के अनुसार मामले की गहराई से अनुसंधान और साइबर विशेषज्ञों से व्यापक विचार-विमर्श के बाद सीआइडी रांची के मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी (सीजेएम) की अदालत में ‘लेटर रॉगेटरी’ (अनुरोध पत्र) जारी करने का आग्रह जल्द ही करेगी। चूंकि सीएम हेमंत सोरेन को जिन दो इ-मेल से धमकी दी गयी थी, उनके सर्वर का पता जर्मनी और स्विटजरलैंड का पाया गया है। इसलिए अदालत से यह अनुरोध पत्र जारी करने का अनुरोध किया जायेगा।
क्या है मामला
बता दें कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, उनके परिजनों और करीबी अधिकारियों को हत्या की धमकी से संबंधित दो इ-मेल आठ और 17 जुलाई को मिले थे। इन दोनों इ-मेल की बाबत रांची के साइबर थाने में मामला दर्ज कराया गया था। बाद में इस मामले की जांच सीआइडी को सौंप दी गयी थी। मामले की जांच साइबर डीएसपी सुमित कुमार कर रहे हैं। जांच की मॉनिटरिंग एडीजी अनिल पाल्टा कर रहे हैं। सीआइडी ने अपनी जांच में पाया कि इन दोनों इ-मेल का सर्वर जर्मनी और स्विटजरलैंड में है। ये दोनों मेल मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव राजीव अरुण एक्का की मेल आइडी पर आये थे। दोनों की मेल आइडी एक ही थी। जांच में यह भी पता चला कि दोनों मेल प्रॉक्सी सर्वर से आये थे।
क्या है लेटर रॉगेटरी
लेटर रॉगेटरी किसी न्यायिक अदालत के पीठासीन पदाधिकारी द्वारा विदेशी अदालतों के पीठासीन पदाधिकारियों को भेजा जानेवाला अनुरोध पत्र है। इसमें उस देश की भूमि पर किसी मामले की जांच करने की अनुमति देने और उसमें सहयोग कर अभियुक्त तक पहुंचने में मदद देने का अनुरोध किया जाता है। इसके लिए संबंधित देशों के बीच विधिक सहायता मामलों से संबंधित समझौता (एमएलएटी) या एमओयू के अलावा प्रत्यर्पण संधि का होना जरूरी है। भारत का जर्मनी और स्विटजरलैंड के साथ इस तरह का समझौता है।
जर्मनी और स्विटजरलैंड को अनुरोध पत्र भेजने का आग्रह करेगी सीआइडी
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