सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात हाईकोर्ट के उस फैसले पर रोक लगा दी है, जिसमें कहा गया है कि राज्य में अगर कोई मास्क पहने हुए नहीं दिखाई देता है तो उससे जुर्माना वसूलना ही काफी नहीं है। उन लोगों से कोविड सेंटर में अनिवार्य रूप से 5 से 6 घंटे सेवा कराई जाए। गुजरात हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ गुजरात सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में दरवाजा खटखटाया है।

आज सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने इस याचिका को सुप्रीम कोर्ट में मेंशन किया था, जिसके बाद कोर्ट ने इस याचिका पर सुनवाई करने की सहमति दी थी। गुजरात हाईकोर्ट कोर्ट ने पिछले 2 दिसम्बर को राज्य सरकार को इस संबंध में जल्द से जल्द नोटिफिकेशन जारी करने के भी आदेश दिया था। हाईकोर्ट ने कहा कि राज्य सरकार की कोशिशों के बावजूद बहुत से लोग अभी भी बिना मास्क के ही सड़क पर घूमते दिखाई दे रहे हैं। ऐसे में सरकार को और सख्ती करने की जरूरत है। सरकार ऐसे लोगों पर केवल जुर्माना ही नहीं लगाएं बल्कि कोविड सेंटर में अनिवार्य रूप से 5 से 6 घंटे सेवा देने का भी आदेश जारी करें।

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