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    Home»Jharkhand Top News»पांच साल बाद केंद्र से भीख मांगने की जरूरत नहीं पड़ेगी: हेमंत
    Jharkhand Top News

    पांच साल बाद केंद्र से भीख मांगने की जरूरत नहीं पड़ेगी: हेमंत

    azad sipahi deskBy azad sipahi deskDecember 30, 2020No Comments5 Mins Read
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    रांची। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि पिछले साल मुझे पूर्व की सरकार ने खाली खजाने की चाभी सौंपी थी। हर विभाग कर्ज में डूबा था। जब सरकार आयी थी तो स्थिति भयावह थी। दूसरे महीने में तनख्वाह कैसे दी जायेगी, यह भी सोचना पड़ता था। यही कारण है कि किसानों की ऋण माफी में एक साल लग गया। मैं वादा करता हूं कि पांच साल बाद झारखंड को किसी के सामने भीख मांगने की जरूरत नहीं पड़ेगी। न वर्ल्ड बैंक के सामने और न केंद्र सरकार के सामने हाथ फैलाना पड़ेगा। मंगलवार को सरकार के एक साल पूरा होने पर सीएम हेमंत सोरेन मोरहाबादी मैदान में राज्यस्तरीय समारोह को संबोधित कर रहे थे। इस दौरान सीएम ने सौगातों की बारिश की। साथ ही परिसंपत्तियों का वितरण भी किया। सीएम हेमंत सोरेन ने 1710.26 करोड़ की 171 योजनाओं का उद्घाटन, 1529.06 करोड़ की 59 योजनाओं का शिलान्यास किया।
    सीएम हेमंत सोरेन ने कहा कि 20 साल पहले सरप्लस बजट वाला राज्य कैसे देश का पिछड़ा राज्य बन गया, यह सोचने वाली बात है। उन्होंने कहा कि राज्य स्वावलंबी कैसे बने, 20 साल में इस पर कभी चर्चा नहीं हुई। आज ऐसे कई राज्य हैं, जहां कोयला नहीं है, अभ्रक नहीं है। चांदी नहीं है। हमारे पास ये सब होने के बाद भी पिछड़े हैं। हमारे पास खिलाड़ियों की खान है, जो देश-विदेश में नाम रोशन कर रहे हैं। कला-संस्कृति की अपार संभावनाएं हैं, लेकिन इस दिशा में कभी काम ही नहीं हुआ है। झारखंड में पहली बार मेरी सरकार बनने के बाद हर जिले में खेल पदाधिकारी की नियुक्ति की गयी।
    सीएम हेमंत सोरेन ने कहा कि एक तो हम खाली खजाने से जूझ रहे थे, ऊपर से कोरोना की मार। चुनौती यह थी कि पूर्ववर्ती सरकार ने सरकारी अस्पताल को बीमार बना दिया था। जहां एक भी वेंटिलेटर नहीं था। हमने इस चुनौती को भी स्वीकार किया और आज कोरोना से बेहतर तरीके से मुकाबला करने में हम देश में दूसरे-तीसरे स्थान पर हैं।
    खेल का मैदान हो रहा विकसित
    सीएम ने कहा कि झारखंड के ग्रामीण इलाके में खेल का मैदान विकसित किया जा रहा है। यहां चेंजिंग रूम की सुविधा भी होगी। पानी की व्यवस्था रहेगी। खेल सामग्री दी जायेगी। वनोपज को बाजार और उचित मूल्य के लिए फेडरेशन का गठन किया जायेगा। 77347 का वन पट्टा तैयार किया गया है।
    मनरेगा मजदूरी अभी 225 पांच साल में 300 होगी
    सीएम हेमंत सोरेन ने कहा कि ग्रामीणों की जिंदगी को बेहतर बनाने के लिए सरकार लगातार प्रयासरत है। इसमें मनरेगा अहम भूमिका निभा रहा है। सरकार मनरेगा को बेहतर बनाने के लिए लगातार प्रयासरत है। सरकार ने अपने रिसोर्स से मनरेगा मजदूरी को 225 रुपये कर दिया है। इस सरकार के पांचवें साल पर मजदूरी को 300 रुपये करने का लक्ष्य रखा गया है।
    सीएम हेमंत सोरेन ने कहा कि तय समय में प्रमाण पत्र नहीं जारी करने पर जिम्मेदार अधिकारी को बर्खास्त किया जायेगा। काम में कोई कोताही बर्दाश्त नहीं की जायेगी।
    जनवरी के पहले सप्ताह से नियुक्तियां शुरू होंगी
    सीएम हेमंत सोरेन ने कहा कि पिछली सरकार की गलत नीतियों के कारण आज तक जेपीएससी पर अंगुलियां उठती रहीं। 20 साल में छठी परीक्षा का आयोजन भी सही से नहीं हो सका। उन्होंने कहा कि अब इसे दूर किया जायेगा। जनवरी के पहले सप्ताह में कैलेंडर जारी कर के जेपीएससी की नियुक्तियां शुरू की जायेंगी और युवाओं को नौकरी मिलेगी।
    कोरोना काल में दीदियों के काम को किया सैल्यूट
    सीएम ने कहा कि कोरोना के दौरान गांव की महिला समूह की उन महिलाओं को नमन करता हूं, जिन्होंने महामारी के दौरान लोगों को भरपेट भोजना कराने में अहम भूमिका निभायी। खाली खजाने की चाबी मिलने के बाद भी मैंने धैर्य रखा और आगे बढ़ा। इस दौरान दीदियों ने बाहर से आनेवाले के लिए कोरोना वारियर्स की भूमिका निभायी। इस कारण उन्हें सैल्यूट करता हूं।
    सीएम हेमंत की घोषणाएं
    >>50 हजार रुपये तक की किसानों की ऋण माफी
    >>इसी सत्र से महिला यूनिवर्सिटी की सौगात
    >>हर किसी को 60 प्लस के बाद पेंशन
    >>अनुबंधकर्मियों के स्थायी समाधान का निकाला जा रहा रास्ता
    >>झारखंड के दस छात्र-छात्राओं को विदेश में पढ़ायेगी सरकार
    >>मार्च से पहले ट्राइबल यूनिवर्सिटी की शुरुआत
    >>दस लाख एकड़ में फलदार पौधे लगाने का लक्ष्य
    >>मुख्यमंत्री पशुधन योजना की शुरुआत
    >>हर घर जल पहुंचाने की कार्ययोजना तैयार
    >>हर जिले में सीबीएसइ की तर्ज पर खुलेंगे एक-एक मॉडल स्कूल

    चुनौतियों के बीच मिली जिम्मेवारी
    सीएम ने कहा कि चुनौतियों के बीच हम अब आगे बढ़ने का प्रयास कर रहे हैं। राज्य के सभी दिव्यांगजनों, वृद्ध लोगों को लाभ देना चाहते हैं। इस राज्य में जरूरत से ज्यादा गरीबी है। इसलिए गरीबों को राशन देने का विचार किया गया। जब सरकार में आये तब स्थिति बेहतर नहीं थी। हर विभाग में बकाया था। समझ में नहीं आ रहा था कि जब सत्ता मिली है, तो किस तरह की सत्ता मिली है। जिन लोगों ने यहां भेजा है, उनके लिए काम करना है। खजाना खाली होने से काफी परेशानी हुई। सीएम ने कहा कि झारखंड ने सीमित संसाधन से कोरोना का मुकाबला किया। पुलिस एवं ग्रामीण महिला समूह की मदद से इससे छुटकारा पाने की कोशिश की है। कोरोना के कारण भले की राज्य में जनप्रतिनिधियों की भी मौत हुई पर जगरनाथ महतो कोरोना से जंग जीतकर जल्द हमारे बीच होंगे।

    If the speed of CM's work remains the same then Jharkhand will change
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