रांची। फर्जी गांजा कांड में महगामा के पूर्व थानेदार संजय साहू और कांड के अनुसंधानक को सस्पेंड कर दिया गया है। गंभीर आरोप को देखते हुए डीजीपी एमवी राव ने दोनों जूनियर पुलिस अधिकारियों को निलंबित कर दिया है। इस मामले में तत्कालीन एसपी से पूछताछ की गयी है। यह मामला भी धनबाद के गांजा कांड से जुड़ा है।
क्या किया था पुलिस ने बीसीएलकर्मी चिरंजीत घोष को फंसाने के लिए पहले धनबाद के निरसा में एक मामला दर्ज किया गया। पुलिस ने गांजा प्लांट किया और चिरंजीत को जेल भेज दिया था। इस मामले की जांच के क्रम में यह पता चला था कि ठीक इसी तरह का एक मामला गोड्डा के महगामा थाना में दर्ज किया गया है और उसमें भी चिरंजीत को तस्कर बताया गया है।
क्या मिला जांच में
सीआइडी जांच में पाया गया कि मोहम्मद रफीक नामक व्यक्ति को पुलिस ने गिरफ्तार किया था और उसके बयान पर चिरंजीत को तस्कर बताया था। महगामा के थानेदार ने दो अक्टूबर को वहां योगदान किया था और मोहम्मद रफीक का बयान एक अक्टूबर 2019 की तिथि से दर्ज किया गया। यह बड़ी गड़बड़ी पकड़ में आयी और इसके बाद कार्रवाई की अनुशंसा की गयी थी। 18 दिसंबर को आजाद सिपाही ने इस मामले को फर्जी गांजा कांड में बड़ा गड़बड़झाला नामक शीर्षक से खबर प्रकाशित की थी। इसके बाद ही दोनों पुलिस अधिकारियों को निलंबित कर दिया गया।
फर्जी गांजा कांड में महगामा के थानेदार और आइओ सस्पेंड
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