रांची। यौन शोषण मामले में आरोपी बाघमारा से भाजपा विधायक ढुल्लू महतो की जमानत याचिका रद्द करने को लेकर सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दायर की गयी है। इसमें प्रार्थी पीड़िता की ओर से ढुल्लू महतो के आपराधिक इतिहास को आधार बनाया गया है। पीड़िता के अधिवक्ता निर्मल कुमार अंबष्ठ ने आरोप लगाया है कि ढुल्लू महतो आपराधिक किस्म के व्यक्ति हैं। यौन शोषण मामले में अभी जांच शुरुआती स्थिति में है, मामले में चार्जशीट भी बहुत मुश्किल से दायर की गयी है। अभी तक कई केस में वह गवाहों को प्रभावित करते आ रहे हैं। दुल्लू महतो की ओर से अपनी ही पिटिशन में बताया गया है कि उनके खिलाफ 35 केस हैं, इनमें से 33 केस में या तो वह बरी हो गये हैं, या केस खत्म हो गया है। इससे पता चलता है कि जेल से बाहर रहने पर वह केस को मैनेज करते हैं। ढुल्लू के खिलाफ आइपीसी की धारा 307, 302 का भी मामला दर्ज हुआ था। फिर कैसे इन मामलों से वह बरी हो जा रहे हैं। 30 जुलाई को उन्हें हाइकोर्ट से जमानत मिली है। हाइकोर्ट के द्वारा दिये गये जमानत आदेश को सुप्रीम कोर्ट में उन्होंने चुनौती दी है।

35 मामले दर्ज हो चुके हैं विधायक पर

याचिका में कहा गया है कि विधायक ढुल्लू महतो का बाघमारा क्षेत्र में दबदबा है। उनके खिलाफ 35 से ज्यादा मामले दर्ज हुए, लेकिन अधिकतर मामलों में वह बरी हो गये हैं या फिर उन मामलों में गवाही दर्ज नहीं हो पा रही है। ऐसे में यौन शोषण मामले में निष्पक्ष ट्रायल होने की उम्मीद नहीं है। विधायक जेल से बाहर हैं और इस मामले में वह गवाहों को प्रभावित कर सकते हैं। वहीं, इस मामले में प्राथमिकी दर्ज करने में एक साल लग गये। ऐसे में उनकी जमानत को रद्द किया जाये।

विधायक पर यौन शोषण का लगा है आरोप

कतरास की एक नेत्री ने विधायक ढुल्लू महतो पर यौन शोषण का आरोप लगाया है। हाइकोर्ट के निर्देश पर इनके खिलाफ घटना के एक साल बाद प्राथमिकी दर्ज हुई थी और उन्हें जेल जाना पड़ा था। इसके बाद झारखंड हाइकोर्ट ने जुलाई 2020 में उन्हें जमानत प्रदान कर दी। इसी के खिलाफ पीड़िता ने सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दाखिल की है।

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