रांची। रांची विश्वविद्यालय ने प्राचार्य, शिक्षक और कर्मचारियों की कमी को देखते हुए इन सभी की सेवानिवृत्ति उम्र सीमा बढ़ाने का निर्णय लिया है। नयी नियुक्ति नहीं होने और प्रत्येक माह सेवानिवृत्त हो रहे शिक्षक एवं कर्मियों की स्थिति को देखते हुए यह निर्णय लिया गया है। रांची यूनिवर्सिटी ने चिकित्सकों की तरह शिक्षक और कर्मियों के लिए दो वर्ष सेवा विस्तार करने का निर्णय लिया है। सोमवार को वीसी डॉ रमेश कुमार पांडेय की अध्यक्षता में सिंडिकेट की बैठक में इस प्रस्ताव को मंजूरी दी गयी।
बैठक मेेंं प्रिंसिपल, शिक्षकों एवं कर्मियों के दो वर्ष सेवा विस्तार से संबंधित प्रस्ताव को तालियों की गड़गड़ाहट के बीच पारित किया गया। यह प्रस्ताव शिक्षक, कर्मचारी एवं प्रिंसिपल तीनों के पक्ष में था। अब इस प्रस्ताव को उच्च शिक्षा विभाग भेजा जायेगा, ताकि आगे की कार्यवाही पूरी की जा सके। बैठक में वीसी के अलावा प्रोवीसी डॉ कामिनी कुमार, डीएसडब्ल्यू डॉ पीके वर्मा, रजिस्ट्रार डॉ मुकुंद मेहता, प्रॉक्टर डॉ दिवाकर मिंज, सीसीडीसी डॉ जीएसएन शाहदेव, अर्जुन राम, अटल पांडेय, डॉ स्वर्ण सिंह, एडवर्ड सोरेन, डॉ. एस नेहार समेत अन्य सदस्य थे।
पांच प्रिंसिपल छह माह में होनेवाले हैं रिटायर
रांची यूनिवर्सिटी में अगले छह माह के अंदर पांच प्रिंसिपल रिटायर्ड होनेवाले हैं। इसमें अंगीभूत कॉलेज के तीन और एफिलिएटेड कॉलेज के दो प्रिंसिपल हैं। डोरंडा कॉलेज, वीमेंस कॉलेज, मारवाड़ी कॉलेज, संत जेवियर्स कॉलेज, गोस्सनर कॉलेज के प्रिंसिपल अगले छह माह के अंदर रिटायर हो रहे हैं। इसके अलावा अगले वर्ष दिसंबर तक 45 विवि शिक्षक रिटायर हो जायेंगे।
सरकार का आॅब्जेक्शन आरयू ने किया समंजन
मांडर कॉलेज के साइकोलॉजी के लेक्चरर डॉ बसंत कुमार साहू के सेवा समंजन प्रस्ताव को आपत्ति जताते हुए सरकार ने वापस कर दिया था। लेकिन आरयू की सिंडिकेट ने डॉ साहू को योग्य मानते हुए सेवा समंजन प्रस्ताव पर मुहर लगा दी। विरोध करते हुए अर्जुन राम ने कहा कि कई कर्मचारी भी सेवा नियमित से वंचित हैं। लेकिन इस ओर आरयू प्रशासन का ध्यान नहीं है।
एफओ कार्यकाल पूरा करेंगे, सेवा टूट भी जुड़ेगा
आरयू के एफओ डॉ केके वर्मा इस माह रिटायर हो रहे थे। लेकिन अब वे अपना कार्यकाल चार वर्ष पूरा करेंगे। कहा गया कि वीसी-प्रोवीसी रिटायर करने के बाद भी कार्यकाल पूरा करते हैं। इनकी सेवा टूट को जोड़ने से संबंधित प्रस्ताव पर सिंडिकेट ने मुहर लगा दी।
विवि की कार्यसंस्कृति पर उठे सवाल
रांची विवि की कार्य संस्कृति पर सीनेट सदस्य अटल पांडेय ने सवाल उठाये। कहा कि सात दिसंबर को सिंडिकेट में रखने के लिए प्रस्ताव भेज दिया गया था। इसके बाद भी अन्यान्य में रखा गया। वहीं एक संगठन के प्रस्ताव को प्रमुखता से शामिल किया गया है। इस पर विवि ने कहा कि भविष्य में ऐसे गलती नहीं होगी।
एफिलिएशन मामले पर तीन असहमत
बीएड कॉलेजों समेत अन्य कॉलेज के एफिलिएशन के प्रस्ताव पर अर्जुन, अटल पांडेय और एडवर्ड सोरेन ने असहमति जतायी। कहा कि एफिलिएटेड कॉलेजों द्वारा यूनिवर्सिटी रिप्रजेंटेटिव को बैठक में नहीं आमंत्रित किया जाता है। संबंधित कॉलेज मानक पूरा करते हैं या नहीं बिना दस्तावेज देखे कैसे सहमति दें। इसलिए नोट आॅफ डिसेंट देते हैं।
आइसा ने किया विरोध-प्रदर्शन
एक ओर सीनेट हॉल में सिंडिकेट बैठक चल रही थी, वहीं दूसरी और सीनेट के बाहर सेवा विस्तार के विरोध में आइसा कार्यकर्ता प्रदर्शन और नारेबाजी कर रहे थे।
इन एजेंडों को मिली स्वीकृति
>>डोरंडा कॉलेज कैंपस स्थित बैंक भवन को ध्वस्त करने की अनुमति।
>>योगदा कॉलेज के चार प्रयोगशाला सहायक बने डेमोंस्टेटर।
>>संत जेवियर के 13 शिक्षकों का सीनियर लेक्चरर के पद पर प्रमोशन।
>>जेपीएससी की अनुशंसा के आलोक में वीमेंस कॉलेज की डॉ मीना सहाय बनीं प्रोफेसर।
>>तीन शिक्षकों को आठ वर्षीय प्रोन्नति योजना के तहत सह प्राध्यापक के पद प्रमोशन।
>>आरएलएसवाइ कॉलेज के शिक्षक डॉ शशि शेखर का अवकाश स्वीकृत, करेंगे योगदान।