नई दिल्ली/भोपाल/शहडोल । फौजी अफसर के तौर पर जनरल बिपिन रावत का नेतृत्व ऐसा चमत्कारिक था कि स्ट्रैटेजी बनाने और उस पर अमल करते हुए वह चीन और पाकिस्तान को कई बार मात दे चुके थे। कैलाश रेंज की तैनाती से उन्होंने यह साबित भी किया। वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर चीन उनकी योजना के सामने अब तक कई बार पिट चुका है। पाकिस्तान का भी उनके कारण बुरा हाल था। ऐसे देश भक्त को हेलीकॉप्टर हादसे में पत्नी सहित खो देने के बाद देश भर में विशेषकर मध्य प्रदेश और उनके ससुराल यानी शहडोल में गमगीन माहौल है। हर तरफ हर कोई देश के जांबाज जनरल बिपिन रावत और उनकी पत्नी मधुलिका रावत की चर्चा कर रहा है । हर तरफ शोक की लहर है। इन हालात में लोग ट्वीटर, फेसबुक, इंस्टाग्राम आदि सोशल मीडिया के अलावा ह्वाट्सएप स्टेटस पर उनकी फोटो लगाकर श्रद्धांजलि दे रहे हैं।
दरअसल, हेलीकॉप्टर हादसे की सूचना मिलने के बाद से शहडोल जिलान्तर्गत गढ़ सोहागपुर में उनकी ससुराल में मातम का माहौल है। यहां पर गुरुवार को भी बाजार बंद हैं। तमाम देश भक्त वाट्सएप स्टेटस में जनरल बिपिन रावत की फोटो लगा रहे हैं । जहां एक ओर सेना की वर्दी वाली सिंगल फोटो लगाने वालों की संख्या हैं तो वहीं जनरल की धर्मपत्नी के साथ वाली फोटो को स्टेटस में लगाया जा रहा है । लोग अब भी टीवी पर इस हादसे के बाद का अपडेट जानने को उत्सुक हैं।
शहडोल में वरिष्ठ पत्रकार रविन्द्र शुक्ला ने बताया कि यहां बुधवार से सिर्फ घर-घर एक ही बात की चर्चा है, जो मधुलिका रावत एवं शहीद जनरल बिपिन रावत से जुड़ी है। हर कोई दुखी है। युवाओं एवं देश भक्तों ने यहां उनकी सपत्नीक फोटो अपने स्टेटस पर लगा लिया है। भावना उन्हें श्रद्धांजलि देने की है। इसी तरह के भाव विजय कुमार ने भी व्यक्त किए हैं।
दिवंगत प्रथम चीफ ऑफ स्टाफ जनरल बिपिन रावत की पत्नी मधुलिका रावत स्व. कुंवर मृगेन्द्र सिंह की पुत्री थीं, जो रीवा राजघराने से संबंधित थीं। मधुलिका रावत के भाई एवं सीडीएस बिपिन रावत के साले यशवर्धन सिंह दिल्ली पहुंच चुके हैं। मधुलिका रावत की मां कुंवररानी ज्योतिप्रभा सेना के अधिकारियों के साथ गुरुवार सुबह पांच बजे शहडोल से जबलपुर के लिए निकल गईं। उसके बाद जबलपुर से सुबह 11 बजे सेना के विशेष विमान से उन्हें दिल्ली ले जाया गया । मधुलिका की मां को कल इस घटना की जानकारी नहीं दी गई थी । परिवार के लोग विमान से दिल्ली जा रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि फौजी अफसर के तौर पर रावत के नेतृत्व में किए गए दो ऑपरेशन इतिहास में दर्ज किए जा चुके हैं, जो हमेशा ही याद किए जाएंगे। पहला- 2015 में म्यांमार में किया गया सैन्य ऑपरेशन, जिसमें भारतीय सेना ने म्यांमार में घुसकर आतंकियों के एंबुश हमले का करारा जवाब दिया था। दूसरा- वर्ष 2016 में उरी हमले के बाद की गई सर्जिकल स्ट्राइक में पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में सेना ने घुसकर आतंकी लॉन्चिंग पैड पर हमला किया था। सर्जिकल स्ट्राइक की प्लानिंग में दिवंगत रावत ने अहम जिम्मेदारी निभाई थी। तीनों सेनाओं की एयर, स्पेस, साइबर और मरीन कमांड की पहल उनका ब्रेन चाइल्ड था। ये उनकी सफल रणनीति कही जा सकती है कि भारत की सीमाएं जिस भी देश के साथ लगती हैं, वहां सीमा पर भारत की स्थिति कई गुना मजबूत होकर आज सामने आ सकी है।