- दबाव में पेट्रोल-डीजल पर वैट कम नहीं करेगी सरकार
- वैट कब कम करना है, यह सरकार तय करेगी
रांची। झारखंड के वित्त मंत्री डॉ रामेश्वर उरांव ने कहा है कि सरकार ने पेट्रोल-डीजल से वैट कम करने की कसम नहीं खाई है। दबाव में कोई काम नहीं होता है। वैट कब कम करना है, यह सरकार तय करेगी। सरकार दबाव या जिद में कोई काम नहीं करती। अगर अन्य राज्यों से तुलना करें तो झारखंड में पेट्रोल-डीजल की कीमत कम है। बिहार में पेट्रोल 108 रुपये बिक रही है। यहां 98 रुपये में बिक रही है। यह महंगाई केंद्र की वजह से है। वर्ष 2014 में डियूटी 9.30 फीसदी थी, उस वक्त केंद्र में यूपीए की सरकार थी। आज एक्साइज ड्यूटी 9.30 फीसदी से बढ़ाकर 29 फीसदी कर दिया गया। डॉ उरांव सोमवार को अपने आवास पर पत्रकारों से बात कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने सरकार के दो साल पूरे होने पर उपलब्धियां भी बतायीं। मौके पर कांग्रेस नेता आलोक दुबे, राजेश गुप्ता छोटू और लाल किशोर नाथ शाहदेव भी मौजूद थे।
आने वाले दिनों में नियुक्तियों की भरमार होगी
उन्होंने कहा कि इन दो सालों में सरकार ने हर क्षेत्र में काम किया है। चाहे वो रोजगार हो या स्वास्थ्य, कृषि का क्षेत्र हो। रोजगार के मुद्दे पर कहा कि हम कहने से मुकरते नहीं हैं और हम करेंगे। आनेवाले दिनों में नियुक्तियों की भरमार होगी। नियुक्ति नियमावली बाधा थी, जो अब खत्म हो गई है। पिछली सरकार में कई नियुक्तियां फंस गई। परीक्षाएं हुई लेकिन लगभग में कोर्ट केस हो गया। हमारी सरकार ने एहतिहात बरती और विभागवार नियुक्ति नियमावली बना रही है।
हम किसी पर दोषारोपण नही करते
उन्होंने कहा कि हेमंत सोरेन के नेतृत्व में सरकार निरंतर आगे बढ़ रही है। हम किसी पर दोषारोपण नहीं करेंगे। जनता हमारे कामों का आकलन करें की हम कितने आगे बढ़ रहे है। एक सवाल के जवाब में डॉ उरांव ने कहा कि पुलिस स्टेट सिंबॉल्स है । हम मानते हैं कि कमियां हैं। सरकार उसपर काम भी कर रही है लेकिन पुलिस में केवल कमियां ही देखनी चाहिए उन्हें प्रोत्साहित भी करें।
पिछली सरकार ने जो किया झारखंड उसी का दंश झेल रहा है
उन्होंने कहा कि एचईसी के साथ लोगों ने किस तरह का एग्रिमेंट किया था मुझे नहीं पता। राउरकेला स्टील प्लांट 1954 में शुरू हुआ। कम्पनी के विस्तारण के समय जो सरप्लस जमीन बच गयी उसे सरकार को दे दिया। राउरकेला स्टील प्लांट प्रबंधन ने ओडिशा सरकार को लगभग 5000 एकड़ सरेंडर किया। पिछली सरकार ने जो किया झारखंड उसी का दंश झेल रहा है। सीएनटी- एसपीटी एक्ट में संशोधन कि वजह से ऐसी स्थिति उत्पन्न हुई। ऐसी बात नहीं है कि सीएनटी- एसपीटी का मार केवल आदिवासी ही झेला था। इसका आक्रमण ओबीसी और एससी पर भी था।
उन्होंने कहा कोरोना संक्रमण के कारण जब देश-दुनिया की अर्थव्यवस्था प्रभावित हुई, कामकाज चौपट हो गये, उस वक्त भी संकट की घड़ी में राज्य सरकार ने ना सिर्फ अपने सीमित संसाधनों की मदद से समाज के हर तबके और विशेषकर गरीबों को मदद पहुंचाने का काम किया।