रांची। झारखंड के वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव ने केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को पत्र लिखा है। पत्र लिखकर उन्होंने केंद्र से मिलने वाली तय आर्थिक सहायता और केंद्रीय उपक्रमों पर राज्य का बकाया राशि देने की मांग की है। जानकारी के अनुसार उरांव ने केंद्रीय मंत्री को लिखे पत्र में कहा है कि केंद्र सरकार विभिन्न केंद्रीय कंपनियों पर कोयला के अवैध उत्खनन जुर्माना और पानी के बकाए का 34,862 करोड़ रुपये उपलब्ध कराये। अगले साल जीएसटी कंपनसेशन के रूप में मिलने वाला सालाना करीब 1600 करोड़ रुपये मिलना बंद होने वाला है। इधर, डीवीसी की बकाया राशि भी केंद्र सरकार द्वारा राज्य के खाते से सीधे काटी जा रही है। एक साल में 2131 करोड़ की कटौती कर ली गई है।

डीवीसी प्रबंधन बकाया नहीं मिलने के कारण जब-तब बिजली में कटौती कर दे रहा है। वर्ष 2012 में ही इसे 14 से बढ़ाकर 20 प्रतिशत करने का फैसला हुआ था। लेकिन इसे अब तक लागू नहीं किया गया है, जिससे राज्य को राजस्व का भारी नुकसान हो रहा है। सेल सहित कई कंपनियों का 1793 करोड़ रुपये बकाया है। उन्होंने बोकारो स्टील सिटी से लेकर अन्य कंपनियों पर बकाये पैसे देने की भी मांग की है। राज्य सरकार ने बगैर परिवहन चालान के कोयला ले जाने पर रोक लगा रखी है। लेकिन इसके बावजूद कोल कंपनियां बगैर चालान लिये ही रेल रैक से कोयला बाहर भेज रही हैं। इस कारण से राज्य सरकार को राजस्व की हानि हो रही है। इस पर रोक लगाया जाना चाहिए।

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