नई दिल्ली। भीमा कोरेगांव मामले में वकील और सामाजिक कार्यकर्ता सुधा भारद्वाज को बॉम्बे हाई कोर्ट से मिली जमानत के खिलाफ एनआईए ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। हाई कोर्ट ने 1 दिसंबर को सुधा भारद्वाज को जमानत दी थी।

बॉम्बे हाई कोर्ट ने सुधा भारद्वाज को इस आधार पर जमानत दी थी कि जांच एजेंसी एनआईए ने सुधा भारद्वाज के खिलाफ तय समय सीमा में चार्जशीट दाखिल नहीं की। हाई कोर्ट ने सुधा भारद्वाज को जमानत की शर्तें तय करने के लिए 8 दिसंबर को ट्रायल कोर्ट के समक्ष पेश होने का आदेश दिया था। हालांकि हाई कोर्ट ने सुधा भारद्वाज को जमानत तो दी थी लेकिन आठ दूसरे आरोपितों की जमानत याचिका खारिज कर दी थी।

बॉम्बे हाई कोर्ट ने जिन आरोपितों की जमानत खारिज की थी उनमें सुधीर ढवले, वरवर राव, रोना विल्सन, सुरेंद गाडलिंग, प्रोफेसर शोमा सेन, महेश राऊत, वी. गोंजाल्विस और अरुण फेरेरा शामिल हैं।

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