नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गुरुवार को चक्रवाती तूफान ‘जवाद’ से उत्पन्न स्थितियों से निपटने के लिए उच्च स्तरीय बैठक कर अधिकारियों को लोगों की सुरक्षा, आवश्यक सेवाओं की सुरक्षा एवं त्वरित बहाली और अन्य दिशा-निर्देश दिए।
प्रधानमंत्री कार्यालय के अनुसार बैठक में राज्यों, केंद्रीय मंत्रालयों और संबंधित एजेंसियों की तैयारियों की समीक्षा की गई। इसमें प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव, कैबिनेट सचिव, गृह सचिव, डीजी एनडीआरएफ और डीजी आईएमडी ने भाग लिया।
प्रधानमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि तूफान के दौरान लोगों को सुरक्षित निकाला जाए और सभी आवश्यक सेवाओं जैसे बिजली, दूरसंचार, स्वास्थ्य, पेयजल आदि की सुरक्षा और व्यवधान की स्थिति तुरंत बहाली की जाए। उन्होंने आवश्यक दवाओं और आपूर्ति का पर्याप्त भंडारण सुनिश्चित करने और निर्बाध आवाजाही की योजना बनाने के भी निर्देश दिये। उन्होंने कंट्रोल रूम को चौबीसों घंटे चालू रखने के भी निर्देश दिए।
मौसम विभाग के अनुसार बंगाल की खाड़ी में कम दबाव के क्षेत्र के चलते चक्रवात ‘जवाद’ तेज होगा और इसके उत्तर आंध्र प्रदेश के तट से टकराने की उम्मीद है। शनिवार 4 दिसंबर की सुबह के आसपास हवा की गति 100 किमी तक हो सकती है। इससे आंध्र प्रदेश, ओडिशा और पश्चिम बंगाल के तटीय जिलों में भारी वर्षा होने की आशंका है। आईएमडी सभी संबंधित राज्यों को नवीनतम पूर्वानुमान के साथ नियमित बुलेटिन जारी करता रहा है। कैबिनेट सचिव ने सभी तटीय राज्यों के मुख्य सचिवों और संबंधित केंद्रीय मंत्रालयों व एजेंसियों के साथ स्थिति और तैयारियों की समीक्षा की है।
गृह मंत्रालय चौबीस घंटे सातों दिन स्थिति की समीक्षा कर रहा है और राज्य सरकारों व केंद्र शासित प्रदेशों तथा संबंधित केंद्रीय एजेंसियों के संपर्क में है। गृह मंत्रालय ने सभी राज्यों को आपदा राहत फंड की पहली किस्त पहले ही जारी कर दी है। एनडीआरएफ ने 29 टीमों को पहले से तैनात किया है जो राज्यों में नावों, पेड़ काटने वालों, दूरसंचार उपकरणों आदि से लैस हैं और 33 टीमों को स्टैंडबाय पर रखा है।
भारतीय तटरक्षक बल और नौसेना ने राहत, खोज और बचाव कार्यों के लिए जहाज और हेलीकॉप्टर तैनात किए हैं। थल सेना की वायु सेना और इंजीनियर टास्क फोर्स इकाइयाँ, नावों और बचाव उपकरणों के साथ तैनाती के लिए तैयार हैं। निगरानी विमान और हेलीकॉप्टर तट पर लगातार निगरानी कर रहे हैं। आपदा राहत दल और चिकित्सा दल पूर्वी तट से लगे स्थानों पर तैयार हैं।
विद्युत मंत्रालय ने आपातकालीन प्रतिक्रिया प्रणाली को सक्रिय कर दिया है और बिजली की तत्काल बहाली के लिए ट्रांसफॉर्मर, डीजी सेट और उपकरण आदि तैयार कर रहा है। संचार मंत्रालय सभी दूरसंचार टावरों और एक्सचेंजों पर लगातार नजर रख रहा है और दूरसंचार नेटवर्क को बहाल करने के लिए पूरी तरह से तैयार है।
स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने प्रभावित क्षेत्रों में कोविड से निपटने के लिए स्वास्थ्य क्षेत्र की तैयारियों और प्रतिक्रिया के लिए राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों के प्रभावित होने की संभावना के लिए एक सलाह जारी की है। पोर्ट, शिपिंग और जलमार्ग मंत्रालय ने सभी शिपिंग जहाजों को सुरक्षित करने के उपाय किए हैं और आपातकालीन जहाजों को तैनात किया है। राज्यों को तट के पास रासायनिक और पेट्रोकेमिकल इकाइयों जैसे औद्योगिक प्रतिष्ठानों को सतर्क करने के लिए भी कहा गया है। एनडीआरएफ संवेदनशील स्थानों से लोगों को निकालने के लिए राज्य एजेंसियों को उनकी तैयारियों में सहायता कर रहा है और चक्रवाती स्थिति से निपटने के लिए लगातार सामुदायिक जागरूकता अभियान भी चला रहा है।