रांची। झारखंड विधानसभा के शीतकालीन सत्र के तीसरे दिन बुधवार को राज्य में अलग-अलग सरकारी विभागों में कार्यरत संविदा कर्मियों को समान कार्य के लिए समान वेतन नहीं मिलेगा। राज्य सरकार ने सदन में यह सूचना दी है।
सदन में विधायक राज सिन्हा ने सरकार से संविदा कर्मियों, समान कार्य के लिए समान वेतन और इससे संबंधित विषय पर जानकारी मांगी थी। इस पर राज्य सरकार ने इससे इंकार किया कि राज्य में संविदा पर नियुक्त कर्मी अल्प मानदेय पर कार्य कर रहे हैं। साथ ही संविदा कर्मियों को ईपीएफ, सामान्य ग्रुप बीमा तथा भविष्य की सुरक्षा से संबंधित अन्य सुविधाएं दिए जाने के मसले पर बताया है कि नियमित रूप से नियुक्त सरकारी सेवक और संविदा कर्मियों का वेतन एवं अन्य सुविधाएं समान नहीं हो सकती हैं। दोनों की सेवा शर्तें एवं नियोजन की प्रक्रिया एकदम भिन्न है। कार्य तथा जिम्मेवारी का वहन अलग है।
राज्य सरकार के मुताबिक समान कार्य के लिए समान वेतन के सिद्धांत में नियमित रूप से नियुक्त सरकारी सेवक के समान संविदा कर्मियों को ईपीएफ, सामान्य ग्रुप बीमा तथा भविष्य की सुरक्षा से संबंधित अन्य सुविधाएं देने में सैद्धांतिक कठिनाई है। नियमित नियुक्ति सरकार द्वारा स्वीकृत वेतनमान में की जाती है जबकि संविदा की नियुक्ति नियत मानदेय पर की जाती है।
वेतन एवं मानदेय दोनों अलग अलग प्रकृति के हैं। राज्य सरकार में कार्यरत योग्य संविदा कर्मियों या अनियमित रूप से नियुक्त कर्मी की सेवा कार्मिक, प्रशासनिक सुधार तथा राजभाषा विभाग द्वारा निर्गत अधिसूचनाओं (अधि सं-1348, 13 फरवरी, 2015 तथा 4871, 20 जून, 2019) के आधार पर नियमित किये जाने की कार्रवाई की जा रही है।
राज्य सरकार ने सदन में बताया कि संविदा पर कार्यरत कर्मियों के मानदेय से संबंधित आदेश, संकल्प, परिपत्र वित्त विभाग द्वारा समय-समय पर निर्गत किया जाता है। इस आधार पर संविदा कर्मियों को मानदेय का भुगतान किया जाता है। इस मानदेय में महंगाई भत्ता, चिकित्सा भत्ता एवं परिवहन भत्ता को शामिल किया गया है। इसके अतिरिक्त संविदा कर्मियों को आकस्मिक अवकाश की सुविधा अनुमान्य है।