Close Menu
Azad SipahiAzad Sipahi
    Facebook X (Twitter) YouTube WhatsApp
    Wednesday, May 21
    • Jharkhand Top News
    • Azad Sipahi Digital
    • रांची
    • हाई-टेक्नो
      • विज्ञान
      • गैजेट्स
      • मोबाइल
      • ऑटोमुविट
    • राज्य
      • झारखंड
      • बिहार
      • उत्तर प्रदेश
    • रोचक पोस्ट
    • स्पेशल रिपोर्ट
    • e-Paper
    • Top Story
    • DMCA
    Facebook X (Twitter) Instagram
    Azad SipahiAzad Sipahi
    • होम
    • झारखंड
      • कोडरमा
      • खलारी
      • खूंटी
      • गढ़वा
      • गिरिडीह
      • गुमला
      • गोड्डा
      • चतरा
      • चाईबासा
      • जमशेदपुर
      • जामताड़ा
      • दुमका
      • देवघर
      • धनबाद
      • पलामू
      • पाकुर
      • बोकारो
      • रांची
      • रामगढ़
      • लातेहार
      • लोहरदगा
      • सरायकेला-खरसावाँ
      • साहिबगंज
      • सिमडेगा
      • हजारीबाग
    • विशेष
    • बिहार
    • उत्तर प्रदेश
    • देश
    • दुनिया
    • राजनीति
    • राज्य
      • मध्य प्रदेश
    • स्पोर्ट्स
      • हॉकी
      • क्रिकेट
      • टेनिस
      • फुटबॉल
      • अन्य खेल
    • YouTube
    • ई-पेपर
    Azad SipahiAzad Sipahi
    Home»Breaking News»असम विधानसभा और संसदीय निर्वाचन क्षेत्रों के परिसीमन को चुनाव आयोग की हरी झंडी
    Breaking News

    असम विधानसभा और संसदीय निर्वाचन क्षेत्रों के परिसीमन को चुनाव आयोग की हरी झंडी

    azad sipahiBy azad sipahiDecember 27, 2022No Comments2 Mins Read
    Facebook Twitter WhatsApp Telegram Pinterest LinkedIn Tumblr Email
    Share
    Facebook Twitter WhatsApp Telegram LinkedIn Pinterest Email

    नई दिल्ली । चुनाव आयोग ने विधि एवं न्याय मंत्रालय के अनुरोध पर असम के विधानसभा और संसदीय निर्वाचन क्षेत्रों के परिसीमन करने का निर्णय लिया है। परिसीमन के लिए 2001 की जनगणना के आंकड़े उपयोग किए जाएंगे। चुनाव आयोग के निर्णय के बाद अब 1 जनवरी, 2023 से परिसीमन की कवायद पूरी होने तक नई प्रशासनिक इकाइयों के निर्माण पर पूर्ण प्रतिबंध होगा। इस संबंध में मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार और चुनाव आयुक्तों अनूप चंद्र पांडेय और अरुण गोयल के नेतृत्व वाले आयोग ने असम के मुख्य निर्वाचन अधिकारी को निर्देश दिए हैं कि वे राज्य सरकार से इस बारे में विमर्श करें।

    चुनाव आयोग के अनुसार परिसीमन के लिए आयोग स्वयं दिशानिर्देशों और कार्यप्रणाली को डिजाइन और अंतिम रूप देगा। परिसीमन के दौरान आयोग भौतिक सुविधाओं, प्रशासनिक इकाइयों की मौजूदा सीमाओं, संचार की सुविधा, जन सुविधा को ध्यान में रखेगा और जहां तक संभव हो निर्वाचन क्षेत्रों को भौगोलिक रूप से कॉम्पैक्ट रखा जाएगा।

    परिसीमन के प्रारूप को आयोग द्वारा अंतिम रूप दिए जाने के बाद इसे आम जनता से सुझावों व आपत्तियों के लिए केंद्रीय और राज्य राजपत्रों में प्रकाशित किया जाएगा।

    चुनाव आयोग ने लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1950 की धारा 8ए के तहत यह निर्णय लिया है। संविधान के अनुच्छेद 170 के तहत हालिया जनसंख्या आकड़ों का उपयोग होगा। संविधान के अनुच्छेद 330 और 332 के अनुसार अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों के लिए सीटों का आरक्षण प्रदान किया जाएगा। मंत्रालय ने चुनाव आयोग से 15 नवंबर को पत्र लिखकर असम में परिसीमन का अनुरोध किया था।

    उल्लेखनीय है कि परिसीमन अधिनियम, 1972 के प्रावधानों के तहत, असम राज्य में निर्वाचन क्षेत्रों का अंतिम परिसीमन 1976 में तत्कालीन परिसीमन आयोग द्वारा 1971 की जनगणना के आंकड़ों के आधार पर किया गया था।

    Share. Facebook Twitter WhatsApp Telegram Pinterest LinkedIn Tumblr Email
    Previous Articleवाड्रा को लेकर भाजपा ने गांधी परिवार पर साधा निशाना, कहा- राजस्थान सरकार ने दी 125 बीघा जमीन
    Next Article आगामी 26 जनवरी से लागू होगी नई शिक्षा नीति,विश्व मानवता की धरोहर है भारत : धर्मेंद्र प्रधान
    azad sipahi

      Related Posts

      केंद्र की सुप्रीम कोर्ट से अपील- अंतरिम आदेश के लिए सुनवाई इन तीन मुद्दों तक ही सीमित रखें

      May 20, 2025

      आईबी प्रमुख तपन कुमार डेका का कार्यकाल एक साल बढ़ा

      May 20, 2025

      कर्नल सोफिया पर मप्र के मंत्री विजय शाह के विवादित बयान मामले की जांच के लिए एसआईटी का गठन

      May 20, 2025
      Add A Comment

      Comments are closed.

      Recent Posts
      • शराब घोटाले में तत्कालीन उत्पाद सचिव विनय चौबे व संयुक्त आयुक्त गजेंद्र सिंह अरेस्ट
      • आदिवासी विरोधी सरकार की टीएससी बैठक में जाने का कोई औचित्य नहीं : बाबूलाल मरांडी
      • जेपीएससी में असिस्टेंट प्रोफेसर के पदों पर भर्ती के लिए इंटरव्यू 22 से
      • नये खेल प्रशिक्षकों की बहाली प्रक्रिया जल्द, प्राथमिक सूची तैयार
      • यूपीए सरकार ने 2014 में सरना धर्म कोड को किया था खारिज : प्रतुल शाह देव
      Read ePaper

      City Edition

      Follow up on twitter
      Tweets by azad_sipahi
      Facebook X (Twitter) Instagram Pinterest
      © 2025 AzadSipahi. Designed by Microvalley Infotech Pvt Ltd.

      Type above and press Enter to search. Press Esc to cancel.

      Go to mobile version