नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गुरुवार को उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता करते हुए कोविड-19 से निपटने के लिए सार्वजनिक स्वास्थ्य की स्थिति और तैयारियों की समीक्षा की। बैठक में प्रधानमंत्री ने कोविड को लेकर किसी भी प्रकार की लापरवाही के प्रति चेताया और महामारी पर कड़ी निगरानी रखने की सलाह दी। उन्होंने अधिकारियों को विशेष रूप से अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डों पर चल रहे निगरानी उपायों को मजबूत करने का निर्देश दिया।
प्रधानमंत्री ने जीनोम सीक्वेंसिंग और टेस्टिंग बढ़ाने पर फोकस के साथ मजबूत निगरानी की जरूरत पर जोर दिया। राज्यों को अस्पताल के बुनियादी ढांचे की संचालनात्मक तैयारी सुनिश्चित करने की सलाह दी गई। उन्होंने कहा कि मास्क पहनने सहित कोविड रोधी उचित व्यवहार जरूरी है। बुजुर्गों और कमजोर स्वास्थ्य वालों को एहतियाती खुराक टीका लगाना चाहिए। प्रधानमंत्री ने फ्रंटलाइन वर्कर्स और कोरोना योद्धाओं की निःस्वार्थ सेवा की सराहना की।
प्रधानमंत्री कार्यालय के अनुसार इस दौरान स्वास्थ्य सचिव और नीति आयोग के सदस्य की ओर से विभिन्न देशों में बढ़ते मामलों सहित वैश्विक कोविड-19 स्थिति के संबंध में एक व्यापक प्रस्तुति दी गई। प्रधानमंत्री को बताया गया कि भारत में मामलों में लगातार गिरावट देखी जा रही है। औसत दैनिक मामले 153 तक आ गए हैं और साप्ताहिक पॉजिटिविटी दर 0.14 प्रतिशत रह गई है। हालांकि पिछले 6 हफ्तों से वैश्विक स्तर पर रोजाना औसतन 5.9 लाख मामले सामने आ रहे हैं।
प्रधानमंत्री ने यह सुनिश्चित करने की आवश्यकता पर बल दिया कि सभी स्तरों पर कोविड बुनियादी ढांचा, उपकरण, प्रक्रियाएं और मानव संसाधन पूरी तरह से तैयार रहे। उन्होंने राज्यों को ऑक्सीजन सिलेंडर, पीएसए प्लांट, वेंटिलेटर और मानव संसाधन सहित अस्पताल के बुनियादी ढांचे की परिचालन तत्परता सुनिश्चित करने की सलाह दी। प्रधानमंत्री ने अधिकारियों को परीक्षण और जीनोम सीक्वेंसिंग के प्रयासों को तेज करने का निर्देश दिया। राज्यों को दैनिक आधार पर जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए तय प्रयोगशालाओं के साथ बड़ी संख्या में नमूने साझा करने के लिए कहा। यह नए वेरिएंट का समय पर पता लगाने में मदद करेगा।
प्रधानमंत्री ने सभी से आग्रह किया कि वे हर समय कोविड रोधी उचित व्यवहार का पालन करें। विशेष रूप से आने वाले त्योहारों के मौसम को देखते हुए भीड़भाड़ वाले सार्वजनिक स्थानों पर मास्क जरूर पहनें। प्रधानमंत्री को सूचित किया गया कि दवाओं, टीकों और अस्पताल के बिस्तरों के संबंध में पर्याप्त उपलब्धता है। उन्होंने आवश्यक दवाओं की उपलब्धता और कीमतों की नियमित निगरानी करने की सलाह दी।
बैठक में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह, स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया, नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया, विदेश मंत्री एस जयशंकर, सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर, स्वास्थ्य राज्यमंत्री भारती प्रवीण पवार, प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव पीके मिश्रा, नीति आयोग के सीईओ परमेश्वर अय्यर, नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) डॉ वीके पॉल, कैबिनेट सचिव राजीव गौबा, प्रधानमंत्री के सलाहकार अमित खरे, गृह सचिव एके भल्ला, स्वास्थ्य मंत्रालय में सचिव राजेश भूषण और अन्य वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए।