• – वित्त वर्ष 2022-23 के छह महीनों में 8,000 करोड़ रुपये का रक्षा निर्यात दर्ज किया गया
  • – 2025 के अंत तक 35 हजार करोड़ रुपये का रक्षा निर्यात हासिल करने का लक्ष्य निर्धारित

नई दिल्ली। भारत ने वित्त वर्ष 2022-23 के छह महीनों में 8,000 करोड़ रुपये का रक्षा निर्यात दर्ज किया है, जबकि पिछले वित्तीय वर्ष में भारत का रक्षा निर्यात रिकॉर्ड 13 हजार करोड़ रुपये था। वित्त वर्ष 2025 के अंत तक 35 हजार करोड़ रुपये का वार्षिक रक्षा निर्यात हासिल करने का लक्ष्य रखा गया है। पिछले 9 वर्षों के दौरान भारत का रक्षा निर्यात 11 गुना से अधिक बढ़ा है। भारत मौजूदा समय में 75 से अधिक देशों को रक्षा वस्तुओं का निर्यात करता है।

देश में रक्षा निर्माण को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने पिछले कुछ वर्षों में कई नीतिगत पहल की हैं। रक्षा उपकरणों के स्वदेशी डिजाइन, विकास और निर्माण को प्रोत्साहित करने के लिए सुधार किए हैं, जिससे आत्मनिर्भरता को बढ़ावा मिला है। इन पहलों में घरेलू उद्योगों से खरीद को प्राथमिकता देना शामिल है। इसके लिए तीनों सेनाओं के उपयोग में आने वाले कुल 411 उपकरणों की चार ‘सकारात्मक स्वदेशीकरण सूची’ जारी की गईं हैं। रक्षा सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों (डीपीएसयू) के लिए कुल 3,738 वस्तुओं की तीन ‘सकारात्मक स्वदेशीकरण सूची’ की अधिसूचना जारी करके आयात पर प्रतिबंध लगाया गया है। सैन्य आधुनिकीकरण के लिए रक्षा बजट में उत्तरोत्तर वृद्धि की गई है।

रक्षा उत्पादन विभाग के मुताबिक मौजूदा समय में भारत दुनियाभर के 75 से अधिक देशों को रक्षा उपकरणों, हथियारों और रक्षा सामग्री का निर्यात कर रहा है, लेकिन सामरिक कारणों से उन देशों के नामों का खुलासा नहीं किया है। वित्त वर्ष 2013-14 में भारतीय रक्षा निर्यात 1,153 करोड़ था, तबसे यह 11 गुना से ज्यादा बढ़ गया है। आंकड़ों के मुताबिक 2014-2015 में 1941 करोड़ रुपये और 2015-2016 में 2059 करोड़ रुपये का रक्षा निर्यात किया गया। 2016-2017 में यह आंकड़ा घटकर 1522 करोड़ रुपये रहा गया, लेकिन 2017-2018 में 4682 करोड़ रुपये का रक्षा निर्यात होने पर तीन गुना उछाल आया।

संसद में पेश किये गए रक्षा मंत्रालय के आंकड़े बताते हैं कि वित्त वर्ष 2018-2019 में रक्षा कारोबार 10,746 करोड़ रुपये तक पहुंचा, लेकिन 2019-2020 में फिर थोड़ी सी गिरावट के साथ रक्षा निर्यात 9,116 करोड़ रुपये रहा। इसी तरह 2020-21 में गिरावट के साथ 8,435 करोड़ रुपये का रक्षा कारोबार हुआ, लेकिन 2021-22 में बढ़कर रक्षा निर्यात 13 हजार करोड़ रुपये पर पहुंच गया। वित्त वर्ष 2022-23 के छह महीनों में 8,000 करोड़ रुपये का रक्षा निर्यात दर्ज किया गया है, लेकिन अगले छह माह में 15 हजार करोड़ तक रक्षा कारोबार पहुंचने की उम्मीद जताई गई है।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बताया कि वित्त वर्ष 2025 के अंत तक 35 हजार करोड़ रुपये का वार्षिक रक्षा निर्यात हासिल करने का लक्ष्य रखा गया है। भारत रक्षा उपकरणों के डिजाइन, विकास और निर्माण के वैश्विक मानकों को हासिल करने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है। भारत कुछ साल पहले तक दुनिया का सबसे बड़ा (रक्षा) आयातक माना जाता था, लेकिन अब 25 शीर्ष निर्यातक देशों की कतार में खड़ा है। उन्होंने कहा कि भारत ने पिछले कुछ वर्षों में रक्षा आयातक से रक्षा निर्यातक बनने की परिवर्तनकारी यात्रा तय की है। भारत अगले कुछ वर्षों में विदेशों से रक्षा उपकरणों, हथियारों का आयात बंद करके ‘आत्मनिर्भर बनना चाहता है।

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