आजाद सिपाही संवाददाता
रांची। झारखंड सरकार ने प्रवर्तन निदेशालय (इडी) से अवैध खनन मामले में पूछताछ के लिए अपने पुलिस अधिकारियों को नहीं बुलाने को कहा है। राज्य सरकार ने इडी के अधिकार क्षेत्र को चुनौती देते हुए उच्चतम न्यायालय में एसएलपी दायर की है। बरहरवा मामले में राज्य के गृह सचिव राजीव अरुण एक्का ने इस संबंध में झारखंड डीजीपी के कार्यालय के माध्यम से इडी को एक पत्र लिखा है। पत्र की प्रति डीएसपी प्रमोद मिश्र को भी दी गयी है। दरअसल, यह पत्र बरहरवा टोल मामले में साहिबगंज जिले के बरहरवा के पूर्व डीएसपी को इडी द्वारा तलब किये जाने के मद्देनजर लिखा गया है।

टोल प्लाजा मामले में 24 घंटे के अंदर मंत्री आलमगीर आलम और पंकज मिश्रा को क्लीन चिट देनेवाले डीएसपी प्रमोद मिश्रा को  इडी द्वारा पूछताछ के लिए दूसरी बार समन भेजा गया था। दूसरे समन के बावजूद डीएसपी प्रमोद मिश्रा गुरुवार को भी पूछताछ के लिए इडी कार्यालय नहीं पहुंचे।
सूत्रों के मुताबिक सरकार द्वारा इडी को भेजे पत्र में कहा गया है कि प्रवर्तन निदेशालय द्वारा पुलिस अधिकारियों को बुलाने का मामला उसके दायरे से बाहर है। झारखंड सरकार ने सर्वोच्च न्यायालय में एक रिट याचिका भी दायर है। यह मामला झारखंड राज्य और अन्य बनाम प्रवर्तन निदेशालय के रूप में डायरी संख्या के साथ दर्ज किया गया है। बहुत जल्द ही सुनवाई के लिए उठाये जाने की उम्मीद है। इसलिए प्रवर्तन निदेशालय इस मामले में आगे न बढ़े और संबंधित अधिकारी को भारत के सर्वोच्च न्यायालय के समक्ष रिट याचिका के परिणाम का इंतजार करे। फिलहाल इडी इस मामले में कानूनी राय ले रही है।

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