खून लगे मैनुल के कपड़े को माना जा रहा अहम, मैनुल की गिरफ़्तारी के लिए एसआइटी ने बढ़ायी दबिश
साहिबगंज : रेबिका हत्याकांड की जांच कर रही एसआइटी ने अब तक 22 अहम साक्ष्य जुटाये हैं। कड़ी सुरक्षा के बीच जब्त किये गये सभी साक्ष्यों को फोरेंसिक जांच के लिए सड़क मार्ग से एफएसएल रांची भेजा गया। इनमें मामले में अहम आरोपी दिलदार के मामा मैनुल हक मोमिन के फाजिल टोला स्थित घर से बरामद खून लगी गंजी और शर्ट को प्रमुख सबूत माना जा रहा है। एसआइटी सूत्रों की मानें तो गंजी और शर्ट किसकी है और उस पर लगे खून के धब्बे किसके हैं, यह साबित करना इस हत्याकांड में अहम होगा। इसलिए पुलिस अनुसंधान में फॉरेंसिक जांच पर खास फोकस है।
डीएनए और फोरेंसिक जांच रिपोर्ट होगी अहम
बोरियो थाना प्रभारी जगन्नाथ पान ने बताया कि आरोपी का खून से सना कपड़ा, गंजी, हत्या में प्रयोग किये गये हथियार, मृतका रेबिका पहाड़िया के बाल, कपड़े, जैकेट, दुपट्टा सहित 22 साक्ष्यों को सील बंद कर एसआइटी में शामिल एएसआइ करुण कुमार राय फॉरेंसिक जांच के लिए रांची स्थित विधि विज्ञान प्रयोगशाला ले गये हैं। फॉरेंसिक जांच से अनुसंधान में पुलिस को मदद मिलेगी। बरामद शव के टुकड़े रेबिका पहाड़िया के हैं, इसके लिए एसआइटी को डीएनए रिपोर्ट की जरूरत है। इस हत्याकांड में डीएनए टेस्ट और फॉरेंसिक जांच रिपोर्ट अहम होगी। एसआइटी एक-एक कड़ी को जोड Þकर जांच को आगे बढ़ा रही है। बरामद शव के टुकड़े के नमूने और रेबिका के पिता के खून के नमूने जांच के लिए एफएसएल भेज दिये गये हैं। 15 जनवरी तक डीएनए रिपोर्ट मिलने की उम्मीद है।
मैनुल अंसारी की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी तेज
इधर दिलदार के मामा मैनुल अंसारी की तलाश में एसआइटी ने छापेमारी तेज कर दी है। पुलिस सूत्रों ने बताया कि रेबिका हत्याकांड में कुछ कड़ियों को जोड़ने के लिए मैनुल अंसारी से पूछताछ बेहद जरूरी है. उसे ही इस घटना का मास्टर माइंड माना जा रहा है और वारदात के बाद से ही वह फरार है।