-झारखंड के 1526 गांवों के विकास के लिए मिले 134.47 करोड़
रांची। भाजपा प्रदेश महामंत्री एवं राज्यसभा सदस्य आदित्य साहू ने बुधवार को शीतकालीन सत्र के दौरान राज्यसभा में जनजाति कार्य मंत्रालय से झारखंड के आदिवासियों के आर्थिक सशक्तिकरण और सामाजिक उत्थान के लिए केंद्र सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं के अलावा झारखंड के आदिवासी और वनवासी समुदाय की महिलाओं की आर्थिक स्थिति में सुधार के लिए चलाई जा रही योजनाओं का ब्योरा मांगा।
सदन में साहू के प्रश्न का उत्तर देते हुए जनजातीय कार्य राज्यमंत्री रेणुका सिंह सरूता ने बताया कि इस संबंध जनजातीय कार्य मंत्रालय द्वारा प्रधानमंत्री जनजातीय कार्य मिशन,राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति वित्त और विकास निगम,कमजोर जनजातीय समूह विकास,बुनियादी और उच्च शिक्षा हेतु छात्रों को वित्तीय सहायता, एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय योजना, टीआरआई को सहायता योजना और प्रधानमंत्री आदि आदर्श ग्राम योजना जैसी योजनाओं के लिए राज्य सरकार को सहायता राशि उपलब्ध करा रही है।
उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री जनजातीय विकास मिशन का लक्ष्य जनजातीय उद्यमिता को मजबूत करना और प्राकृतिक संसाधनों, कृषि, गैर लकड़ी वन उत्पादों, गैर कृषि उद्यमों के अधिक कुशल, न्यायसंगत, स्व प्रबंधित उपयोग को बढ़ावा देकर आजीविका के अवसरों को सुविधाजनक बनाना है। स्कीम के लिए ट्राइफेड केंद्रीय कार्यान्वयन एजेंसी के रूप में काम करती है, जो न्यूनतम समर्थन मूल्य पर एमएफपी की खरीद करता है। इसके तहत झारखंड को 46.72 करोड़ रुपये की राशि जारी की गई है, जिसकी तुलना में झारखंड ने अबतक 14.32 करोड़ रुपये की एमएफपी की खरीद की है।
ट्राइफेड ने झारखंड में 43,701 लाभार्थियों को जोड़ते हुए 21.75 करोड़ रुपये की 149 वीडीवीके को स्वीकृति दी है। योजना के तहत ट्राइफेड विभिन्न श्रेणियों के उत्पाद जैसे धातु शिल्प, वस्त्र, आभूषण, चित्रकला, बेंत, बांस टेराकोटा, मिट्टी के बर्तन, जैविक प्राकृतिक खाद्य उत्पाद जैसे आदिवासी उत्पादों की खरीद और बिक्री भी करता है। पिछले पांच वर्षों में ट्राइफेड ने 1,52,868 उत्पाद बेचे हैं, जिसकी कीमत झारखंड में 4.58 करोड़ रुपये की राशि के बराबर है।
जनजातीय कार्य मंत्रालय के तहत राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति वित्त और विकास निगम अपनी कार्यान्वयन एजेंसियों के माध्यम से आय सृजन गतिविधियों, रोजगार सृजन, स्वरोजगार बढ़ावा के लिए जनजाति समाज के व्यक्तियों को रियायती दर पर ऋण उपलब्ध कराता है। पिछले पांच वर्षों में केंद्र सरकार ने 1131 लाभार्थियों के बीच 150 लाख रुपये वितरित किए हैं।
राष्ट्रीय छात्रवृति योजना की जानकारी देते हुए राज्यमंत्री ने बताया कि यह केंद्रीय क्षेत्र की योजनाएं हैं जो पूरी तरह से जनजातीय कार्य मंत्रालय भारत सरकार द्वारा संपोषित है। उसी प्रकार समुद्रपारीय छात्रवृति योजना केंद्रीय योजना है जो पूरी तरह से विदेश मंत्रालय के माध्यम से जनजातीय कार्य मंत्रालय भारत सरकार द्वारा वित्त पोषित और प्रशासित है। इस योजना के तहत विदेश में शीर्ष 1000 विश्व रैंकिंग वाले विश्व विद्यालयों में मास्टर डिग्री, पीएचडी, पोस्ट डॉक्टोरल शोध करने के लिए हर साल 20 छात्रों का चयन किया जाता है, जिसमें 30 प्रतिशत महिलाओं के लिए आरक्षित है।
एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय योजना बच्चों को उनके ही वातावरण में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने के लिए भारत सरकार की योजना है। यह विद्यालय 50 प्रतिशत से अधिक एसटी आबादी और कम से कम बीस हजार जनजाति गांव वाले प्रत्येक ब्लॉक में स्थापित किया जा रहा। झारखंड में अबतक 89 एकलव्य विद्यालय स्वीकृत हैं। प्रधानमंत्री आदि आदर्श ग्राम योजना के तहत झारखंड के अधिसूचित क्षेत्र में कम से कम 50 प्रतिशत जनजातीय आबादी और 500 एसटी आबादी वाले तीन गांव के विकास के लिए 8 प्रमुख क्षेत्रों सड़क संपर्क, दूर संचार, मोबाइल कनेक्टिविटी, आंगनवाड़ी, स्वास्थ्य उपकेंद्र, पेयजल, जल निकासी, ठोस अपशिष्ट प्रबंधन की दृष्टि से 1526 गांव का चयन किया गया है, जिसके लिए 134.47 करोड़ रुपये की राशि निर्मुक्त की जा चुकी है।