-राज्य में उत्पन्न संवैधानिक संकट, आकंठ भ्रष्टाचार, ध्वस्त विधि व्यवस्था पर सवाल उठाये
रांची। भाजपा विधायकों ने राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन से मुलाकात की। इस अवसर पर उन्होंने राज्यपाल के समक्ष हेमंत सोरेन को कठघरे में खड़ा किया। उन्होंने राज्यपाल को एक ज्ञापन भी सौंपा। उसमें कहा है कि हेमंत सरकार की चार वर्षों की नाकामियों, वादाखिलाफी ने आम जनता, युवा, महिला, किसान, दलित, आदिवासी सभी वर्गों को आंदोलन के लिए मजबूर किया है। राज्य की जनता न सिर्फ सड़क ,बिजली, स्वास्थ्य, शिक्षा जैसी बुनियादी सुविधाओं का संकट झेल रही, बल्कि भय और आतंक में भी जी रही है।
आये दिन, हत्या, लूट, अपहरण, बलात्कार, चोरी, डकैती की घटनाएं अखबारों की सुर्खियां बनी हुई हैं। अपराधियों का मनोबल इस कदर बढ़ा है कि वे जेल में भी हत्या करने में सफल हो रहे हैं। सरकार व्यापारियों को मांगने पर भी सुरक्षा उपलब्ध नहीं करा रही, उनकी हत्या हो जा रही। पुलिसकर्मी भी सुरक्षित नहीं हैं।
सत्ता संपोषित भ्रष्टाचार ने रिकॉर्ड बनाया है। खान, खनिज, बालू, पत्थर, जमीन की लूट के साथ अब तो आजाद भारत के सबसे बड़े कैश कांड का गवाह झारखंड बन गया। सत्ताधारी गठबंधन के कारनामों ने राज्य को कलंकित और शर्मशार किया है।
प्रतिनिधिमंडल ने कहा कि ध्वस्त विधि व्यवस्था, आकंठ भ्रष्टाचार के कारनामों के बीच राज्य में संवैधानिक संकट की स्थिति बन गयी है। प्रदेश के मुख्यमंत्री पर भ्रष्टाचार के संरक्षण और संवर्धन के गंभीर आरोप लग रहे हैं। राज्य में भ्रष्टाचार के खिलाफ इडी की कार्रवाई में स्वयं मुख्यमंत्री घिरे हैं। राज्य के कई वरिष्ठ आइएएस अधिकारी जेल में बंद हैं।
इडी ने पुख्ता सबूतों के साथ भ्रष्टाचार में संलिप्त पदाधिकारियों, बिचौलिया, दलालों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने के लिए राज्य सरकार को पत्र लिखे हैं, लेकिन मुख्यमंत्री इस पर कार्रवाई करने की जगह उस पर कुंडली मार कर बैठे हैं।
इतना ही नहीं, अब तो मुख्यमंत्री ने सभी संवैधानिक मर्यादाओं को ठेंगा दिखा दिया है। इडी द्वारा उनसे पूछताछ के लिए छह समन भेजा जा चुका है, लेकिन वह पूछताछ से लगातार भाग रहे हैं। उनके द्वारा जांच एजेंसियों के खिलाफ रोज रोज दिये जा रहे बयानों ने संवैधानिक मर्यादाओं को तार-तार कर दिया है।
यदि राज्य का मुख्यमंत्री कानून का खुल्लम खुल्ला उल्लंघन करने लग जाये, तो फिर आम जनता से कानून पालन करने की बात यह सरकार कैसे कर सकती है?
प्रदेश भारतीय जनता पार्टी राज्य के इन हालातों पर लगातार सजग प्रहरी की भांति अपनी भूमिका का निर्वहन कर रही है। जनता की भावनाओं को पार्टी सड़क से सदन तक उजागर कर रही है। जनसमर्थन से हम सब लगातार व्यापक संघर्ष और आंदोलन कर रहे हैं। अब राज्य की परिस्थितियां इसका संवैधानिक समाधान चाह रही हैं। आप राज्य के संवैधानिक प्रमुख हैं। प्रदेश भारतीय जनता पार्टी विधायक दल का यह प्रतिनिधिमंडल आपके समक्ष जनता का त्राहिमाम संदेश लेकर गुहार लगाने आया है। राज्य हित में उपर्युक्त परिस्थितियों के आलोक में अविलंब विधिसम्मत कार्रवाई की जाये।
ज्ञापन पर हस्ताक्षर करनेवालों में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी, नेता विधायक दल, नेता प्रतिपक्ष अमर कुमार बाउरी, विधायक सीपी सिंह, बिरंची नारायण, जेपी पटेल, नवीन जायसवाल, अनंत कुमार ओझा, कोचे मुंडा, केदार हाजरा, भानु प्रताप शाही, नीरा यादव, राज सिन्हा, नारायण दास, अमित मंडल, ढुल्लू महतो, आलोक चौरसिया, मनीष जायसवाल, समरी लाल, अपर्णा सेनगुप्ता, शशि भूषण मेहता, किशुन कुमार दास, पुष्पा देवी के हस्ताक्षर हैं।
हेमंत सरकार के खिलाफ 21 को सभी जिलों में आक्रोश प्रदर्शन करेगी भाजपा
रांची। राज्य में व्याप्त सत्ता संपोषित भ्रष्टाचार, ध्वस्त विधि व्यवस्था और संवैधानिक संकट के खिलाफ प्रदेश अध्यक्ष के निर्देशानुसार 21 दिसंबर को पार्टी ने सभी जिलों में आक्रोश प्रदर्शन का निर्णय लिया है। प्रदेश महामंत्री एवं मुख्यालय प्रभारी डॉ प्रदीप वर्मा ने बताया कि सभी जिलों में हजारों की संख्या में आम जनता एवं भाजपा कार्यकर्ता प्रदर्शन में शामिल होंगे। बताया कि राज्यपाल के नाम उपायुक्त के माध्यम से ज्ञापन सौंप कर राज्य सरकार की बर्खास्तगी की मांग की जायेगी।