जिंदगी जीत, घर पहुंचे,-हवाई अड्डे पर किया गया स्वागत
उत्तराखंड टनल हादसे में सुरक्षित निकाले गये झारखंड के सभी 15 मजदूर शुक्रवार शाम को रांची लौट आये। मजदूरों के साथ 12 परिजन भी शामिल थे, जो हादसे के बाद उत्तरखंड गये हुए थे। झारखंड लौटे मजदूर हवाई अड्डे से सबसे पहले मुख्यमंत्री आवास पहुंचे। यहां मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने उनका स्वागत किया। उनसे बातचीत की। उनका हाल जाना। उन्हें बधाई दी। मजदूरों ने उनके साथ 17 दिनों तक टनल में फंसे होने का अनुभव साझा किया। उन्होंने मुख्यमंत्री और राज्य सरकार की तरफ से हर तरह की मदद पहुंचाने के लिए आभार जताया।
इससे पहले मजदूरों का हवाई अड्डे पर भव्य स्वागत हुआ। श्रम मंत्री सत्यानंद भोक्ता और विभागीय सचिव राजेश शर्मा एयरपोर्ट पर मौजूद थे। साथ ही भाजपा के प्रदेश नेता भी स्वागत करने वहां पहुंचे थे। सभी ने मजदूरों का स्वागत किया। मजदूरों के चेहरे पर खुशियां झलक रही थीं। उन्हें सुरंग में 17 दिनों तक फंसा रहने के बाद वहां से घर तक की वापसी किसी जंग की जीत से कम नहीं लग रही थी। वह अपनी खुशी को शब्दों में बयां नहीं कर पा रहे थे।
गौरतलब है कि दिपावली के दिन उत्तराखंड में टनल हासदा हुआ था। सुरंग में 41 मजदूर 17 दिनों तक फंसे हुए थे। लंबे रेस्क्यू आॅपरेशन के बाद उन्हें सुरंग से बाहर निकाला गया। इनमें झारखंड के भी 15 मजदूर थे। राज्य सरकार ने तीन सदस्यीय अधिकारियों की टीम को रेस्क्यू आपरेशन के दौरान भेजा था। ऋषिकेष में इनका इलाज होने के बाद ये अधिकारी मजदूरों को हवाई जाहज से वापस रांची लेकर आये।
झारखंड के 15 मजदूरों के ये हैं नाम
रांची : ओरमांझी प्रखंड के खीराबेड़ा गांव के मजदूर अनिल बेदिया, राजेंद्र बेदिया और सुकराम बेदिया
गिरिडीह : बिरनी के सुबोध वर्मा और विश्वजीत वर्मा
पश्चिमी सिंहभूम : चक्रधरपुर प्रखंड के चेलाबेड़ा गांव के महादेव नायक
खूंटी: कर्रा प्रखंड के गुमडू गांव निवासी विजय होरो, डुमारी गांव निवासी चमरा उरांव एवं मदुगामा गांव निवासी गनपाईत होरो
पूर्वी सिंहभूम: डुमरिया प्रखंड के मानिकपुर गांव के रवींद्र नायक, रंजीत लोहार, गुणाधर नायक, बांकीशोल गांव के समीर नायक, कुंडालुका गांव का भुक्तु मुर्मू और डुमरिया गांव के टिंकु सरदार

 

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