रांची। पूर्व मंत्री, झारखंड सरकार की समन्वय समिति के सदस्य एवं झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के कार्यकारी अध्यक्ष बंधु तिर्की ने कहा है कि झारखंड सरकार द्वारा पेसा कानून की नियमावली को मंजूरी देने के बाद अब इस बात की नितांत आवश्यकता है कि सभी आवश्यक वैधानिक औपचारिकताओं को पूरा कर पेसा कानून को जमीनी स्तर पर जल्द-से-जल्द लागू किया जाये।
श्री तिर्की ने कहा कि पेसा कानून लागू होने से झारखंड की दशा और दिशा में सकारात्मक बदलाव आयेगा और अब ग्रामीणों विशेषकर जनजातीय समुदाय और मूलवासियों के लिए यह बहुत जरूरी है कि सरकार द्वारा स्वीकृत पेसा नियमावली के अनुरूप पेसा कानून का सीधा फायदा झारखंड के लोगों को मिले। वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने कहा कि इससे न केवल ग्रामीणों की विकास संबंधी जरूरतें पूरी होंगी बल्कि जमीन के साथ ही उपलब्ध संसाधनों की लूट भी रोकी जा सकेगी। साथ ही इससे ग्रामीण क्षेत्रों में आपराधिक घटनाओं पर नियंत्रण होने की भी पूरी संभावना है।
श्री तिर्की ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से अनुरोध किया कि नयी सरकार के गठन के बाद झारखंड में विशेष रूप से आदिवासियों एवं मूलवासियों को पेसा कानून लागू होने के संबंध में सरकार से बहुत अधिक भरोसा है। झारखंड की जनता की लंबे समय से पेसा कानून को लागू करने की मांग बहुप्रतीक्षित है और कांग्रेस की महत्वपूर्ण भागीदारी वाली हेमंत सरकार ने आम लोगों की सभी न्यायोचित मांग को पूरा करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम बढ़ाते हुए लोगों की आकांक्षाओं को पूरा किया है। श्री तिर्की ने विश्वास व्यक्त किया कि पेसा कानून लागू होने से ग्रामीण क्षेत्रों में जनप्रतिनिधि भी अपनी पूर्ण जिम्मेदारी, जवाबदेही, ईमानदारी और लोगों की जरूरतों-आकांक्षाओं के अनुरूप अपनी जागरूकता का परिचय देते हुए अपने कार्य करेंगे क्योंकि ग्राम सभा की सफलता के लिए यही अनिवार्य और व्यावहारिक शर्त है।
श्री तिर्की ने कहा कि कांग्रेस ने हमेशा से भारत के आदिवासियों, अनुसूचित जातियों, दलितों, अन्य पिछड़े वर्ग (ओबीसी), अल्पसंख्यकों आदि के प्रति पूरी तरीके से समर्पित होकर काम किया है। देश के नवनिर्माण और विकास के लिए समाज के सभी वर्गों की समान भागीदारी के लिए और भारत के वर्षों से उपेक्षित लोगों की आकांक्षाओं के अनुरूप विकास में उनकी समान भागीदारी के लिए स्वर्गीय राजीव गांधी के प्रधानमंत्रित्व काल में पंचायती राज कानून को देशव्यापी स्तर पर लागू किया गया था। इसी के पश्चात पेसा कानून को मंजूरी दी गयी जिसमें जनजातीय बहुल ग्रामीण क्षेत्रों में न केवल ग्रामीण परंपराओं के अनुरूप बल्कि, ग्रामीणों की आकांक्षाओं के अनुरूप भी ग्राम सभाओं को सशक्त करने का प्रावधान था।
श्री तिर्की ने कहा कि झारखंड के ग्रामीण क्षेत्र में पारंपरिक शासन व्यवस्था का विशेष महत्व है जहां मानकी-मुंडा, पाहन, प्रधान, मांझी जैसी व्यवस्था के कारण ही विकास के साथ-साथ जनजातीय जीवन-संस्कृति का भी संरक्षण होता है और संवैधानिक व्यवस्था के अनुसार झारखंड के लोगों की अपेक्षाओं के अनुकूल पेसा नियमावली को अविलंब लागू करना आज की सर्वाधिक प्राथमिक जरूरतों में से एक है।