रांची। रांची शहर में पिछले दो सप्ताह से कुत्ते के काटने के मामलों में अत्यधिक वृद्धि देखी गयी है। शहर का सदर अस्पताल इस बढ़ते संकट का प्रत्यक्ष गवाह बन रहा है, जहां प्रतिदिन 100 से 150 लोग एंटी-रेबीज वैक्सीन लेने के लिए पहुंच रहे हैं। यह संख्या चिंताजनक है और शहरवासियों के लिए एक बड़ा खतरा बन गयी है। सर्दी का मौसम और कुत्तों का आक्रामक व्यवहार कुछ जानकारों का मानना है कि सर्दी के मौसम में कुत्तों का आक्रामक व्यवहार बढ़ जाता है। मौसम में बदलाव, कुत्तों के व्यवहार को प्रभावित कर सकता है और उन्हें अधिक आक्रामक बना सकता है। यह एक संभावित कारण हो सकता है कि क्यों रांची में डॉग बाइट के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं।
शहर में कुत्तों की बढ़ती संख्या
रांची सिविल सर्जन डॉक्टर प्रभात कुमार ने इस बढ़ते संकट के लिए शहर में कुत्तों की संख्या में वृद्धि को एक प्रमुख कारण बताया है। बढ़ती आबादी और कुत्तों के प्रति लोगों के बढ़ते लगाव के कारण शहर में कुत्तों की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है। यह वृद्धि, कुत्तों और मनुष्यों के बीच संपर्क बढ़ा रही है, जिसके परिणामस्वरूप डॉग बाइट के मामले बढ़ रहे हैं।
पालतू कुत्तों से अधिक खतरा
डॉक्टर प्रभात कुमार ने यह भी बताया कि ज्यादातर मामले पालतू कुत्तों के काटने के आ रहे हैं। हालांकि पालतू कुत्तों को वैक्सीन लगायी जाती है, लेकिन लोग अपने मानसिक संतुष्टि के लिए वैक्सीन ले लेते हैं। यह दर्शाता है कि पालतू कुत्ते भी खतरे से खाली नहीं हैं और उनके द्वारा काटे जाने पर भी वैक्सीन लेना आवश्यक है।
सदर अस्पताल में पर्याप्त वैक्सीन उपलब्ध
सदर अस्पताल में अभी पर्याप्त मात्रा में एंटी-रेबीज वैक्सीन उपलब्ध है। हालांकि, बढ़ते मामलों को देखते हुए अस्पताल प्रशासन ने अतिरिक्त वैक्सीन आॅर्डर कर दिये है। यह सुनिश्चित करने के लिए किया जा रहा है कि किसी भी मरीज को वैक्सीन लेने में कोई परेशानी न हो।