रांची। पुलिस मुखबिर के आरोप में भूषण कुमार सिंह और राम गोविंद की हत्या मामले में सजायफ्ता नक्सली जेठा कच्छप की ओर से सजा के खिलाफ दाखिल क्रिमिनल अपील की सुनवाई झारखंड हाइकोर्ट में हुई। मामले में हाइकोर्ट की खंडपीठ ने राज्य सरकार से लोअर कोर्ट रिकॉर्ड (एलसीआर) की मांग की है।
दरअसल, अपर न्याययुक्त दिनेश कुमार की कोर्ट ने नक्सली जेठा कच्छप और पौलूस सुरीन को दोहरे हत्याकांड में आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। अदालत ने जेठा कच्छप पर 45 हजार रुपये का जुर्माना लगाया था। जुर्माना की राशि नहीं देने पर उसे 1 साल की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी।
क्या था मामला
घटना खूंटी के तोरपा में साल 2013 की है। पुलिस मुखबिर भूषण सिंह और राम गोविंद की हत्या कर दी गयी थी। मामले में पौलूस सुरीन, नक्सली जेठा कच्छप, कृष्णा महतो और 3 महिला समेत 6 आरोपी ट्रायल फेस कर रहे थे। इसी मामले में पीएफएलआइ सुप्रीमो दिनेश गोप भी ट्रायल फेस रहे हैं। अभियोजन पक्ष की ओर से 12 गवाह पेश किये गये थे। जबकि बचाव पक्ष की ओर से 1 गवाह पेश किया गया था। हत्याकांड की घटना को लेकर कर्रा थाना में कांड संख्या 27/ 2013 के तहत प्राथमिकी दर्ज हुई थी। अपराधियों ने इन दोनों की घर के सामने चबूतरा में अंधाधुंध फायरिंग कर हत्या कर दी थी।