नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम मन की बात में कहा कि संविधान हमारा पथ प्रदर्शक है। 26 जनवरी को हमारे संविधान को लागू हुए 75 वर्ष होने जा रहे हैं।
मन की बात के 117 वें एपिसोड में प्रधानमंत्री ने कहा कि 2025 में 26 जनवरी को हमारे संविधान को लागू हुए 75 वर्ष होने जा रहे हैं। हम सभी के लिए बहुत गौरव की बात है।
उन्होंने कहा कि हमारे संविधान निर्माताओं द्वारा सौंपा गया संविधान समय की हर कसौटी पर खरा उतरा है। संविधान हमारे लिए पथ प्रदर्शक और मार्गदर्शक है।
प्रधानमंत्री मोदी ने इस एपिसोड में प्रयागराज में आयोजित महाकुंभ का विशेष उल्लेख किया और कहा कि अनेकता में एकता का ऐसा दृश्य विश्व में कहीं और देखने को नहीं मिलता। उन्होंने कहा कि इसकी विशेषता इसकी विशालता में ही नहीं बल्कि इसकी विविधता में भी है। इस आयोजन में करोड़ों लोग एक साथ एकत्रित होते हैं। लाखों संत, हजारों परंपराएं, सैकड़ो संप्रदाय, अनेक अखाड़े, हर कोई इस आयोजन का हिस्सा बनता है।
उन्होंने बताया कि इस बार कुंभ के आयोजन में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आधारित चैट बोर्ड का भी प्रयोग किया जा रहा है फोन विराम इसके माध्यम से 11 भारतीय भाषाओं में काम से जुड़ी हुई हर जानकारी हासिल की जा सकेगी।
स्वतंत्रता संग्राम पर आधारित एनीमेशन सीरीज जेबीटी-भारत हैं हम के दूसरे सीजन के आने की जानकारी देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि बच्चों का पसंदीदा कार्यक्रम भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के उन नायकों के बारे में हमें बताता है जिनकी ज्यादा चर्चा नहीं होती। इसका दूसरा सीजन बड़े खास अंदाज में अंतरराष्ट्रीय फ़िल्म महोत्सव गोवा में लॉन्च हुआ। भारतीय फ़िल्म जगत की महान हस्तियों का भी अपने कार्यक्रम में प्रधानमंत्री ने जिक्र किया जिनकी इस वर्ष 100वीं जयंती है। उन्होंने राज कपूर, मोहम्मद रफी, अक्कीनेनी नागेश्वर राव गारू और तपन सिन्हा का उल्लेख किया। प्रधानमंत्री ने कहा कि राज कपूर ने फिल्मों के माध्यम से दुनिया को भारत की सॉफ्ट पावर से परिचित कराया। वहीं रफी साहब ने हर तरह के भावों को अपनी आवाज देकर जीवंत किया है।
अगले साल भारत में आयोजित होने वाले ऑडियो विजुअल इंटरटेनमेंट सबमिट यानी वेव्स सबमिट के विषय पर बात करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि इसमें दुनिया भर के मीडिया और एंटरटेनमेंट उद्योग के दिग्गज और सृजनात्मक दुनिया के लोग भारत आएंगे। यह भारत के दुनिया के कंटेंट क्रिएशन का हब बनने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
मन की बात में प्रधानमंत्री ने दुनिया भर में भारत की संस्कृति के प्रचार-प्रसार से जुड़े कुछ तथ्य रखे। उन्होंने मिस्र में भारत की संस्कृति पर आधारित पेंटिंग प्रतियोगिता और दक्षिण अमेरिकी देश पराग्वे में लोगों की आयुर्वेद के प्रति बढ़ती रुचि का उल्लेख किया। उन्होंने बताया कि दुनिया की सबसे प्राचीन भाषा तमिल को वहीं ट्रेनिंग लिए शिक्षक सिखा रहे हैं।
विकास के पथ पर अग्रसर मोहब्बत प्रभावित बस्तर संभाग में आयोजित ओलंपिक के बारे में प्रधानमंत्री ने कहा कि 65000 खिलाड़ियों ने इसमें भाग लिया यह हमारे युवाओं के संकल्प की गौरव गाथा है।
डब्ल्यूएचओ की रिपोर्ट के अनुसार भारत में 2015 से 2023 के बीच मलेरिया के मामलों और इससे होने वाली मौतों में 80 प्रतिशत की कमी आई है। इस उपलब्धि का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कुछ सराहनीय प्रयासों की जानकारी दी। उन्होंने इस संदर्भ में असम में जोरहाट और हरियाणा के कुरुक्षेत्र में हुए प्रयासों का उल्लेख किया।
आयुष्मान भारत योजना से कैंसर जैसी गंभीर बीमारी के इलाज में मिल रही मदद को प्रधानमंत्री ने गरीबों को संबल देने वाला बताया। उन्होंने कहा कि अब भारत में समय पर कैंसर का इलाज शुरू होने की संभावना काफी बढ़ गई है। आयुष्मान योजना ने उपचार के 30 दिनों के भीतर ही शुरू कराने में बड़ी भूमिका निभाई है।
ओडिशा के कालाहांडी में सब्जी क्रांति अर्थात कालाहांडी का वेजिटेबल हब बनने की उल्लेखनीय उपलब्धि को प्रधानमंत्री ने अपनी मन की बात में शामिल किया। उन्होंने बताया कि कम पानी और कम संसाधनों के बावजूद यहां एक समूह ने मिलकर एफपीओ यानि कृषि उत्पाद संघ की स्थापना की। खेती में आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल शुरू किया और आज यह करोड़ों का कारोबार कर रहा है। आज इससे 200 से अधिक किस जुड़े हैं जिसमें से 45 महिलाएं हैं। अब इस एफपीओ का सालाना टर्नओवर भी बढ़कर डेढ़ करोड़ से ज्यादा हो गया है।