सिंगबोंगा जतरा में दिखी झारखंडी संस्कृति
रांची। पिठौरिया के बाढ़ू-नवाटोली में शुक्रवार को आयोजित सिंगबोंगा जतरा में झारखंडी संस्कृति की झलक मिली। इस अवसर पर बाढू, नवाटोली, जमुवारी, सेमरटोली, बरवाटोली, बेड़ो, सिरांगो, चेड़ी मनातू सहित कई गांवों के खोड़हा मंडली पारंपरिक परिधान में सामूहिक नृत्य करते जतरा स्थल पहुंचे। इसके बाद बाढू मौजा के पाहन जगदीश पाहन के जरिये सिंगबोंगा की विधिवत पूजा-अर्चना की गयी।

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि कांके विधायक सुरेश कुमार बैठा ने कहा कि किसानों के चेहरे पर धान की अच्छी पैदावार की खुशी झलक रही है। ऐसे पल में आदिवासी समाज की अपने इष्टदेव सिंगबोंगा की पूजा करने की परंपरा रही है। साथ ही आदिवासी किसान भाई-बहन अपनी फसल को घर में सुरक्षित रखने के बाद जतरा के बहाने एक साथ मिलते-जुलते हैं।

मुख्य संरक्षक रतन तिर्की ने कहा कि रांची विश्वविद्यालय के नवीन परिसर के लिए सरकार के जरिये बाढू, नवाटोली, जमुवारी, कोकदोरो, मदनपुर, सुतियांबे, पिठोरिया के कई किसानों की कृषि योग्य रैयती जमीन जबरन अधिग्रहण किया जा रहा था। संघर्ष कर जल, जंगल, जमीन पर मालिकाना हक पाया है। जमीन हमारी सभ्यता और संस्कृति का हिस्सा है। सरकार हमें अपनी जमीन से बेदखल नहीं करे और सभी रैयतों का जमाबंदी खोलकर मालगुजारी रसीद जारी करे।

इस अवसर सांस्कृतिक कार्यक्रमों की श्रृंखला में नागपुरी की मशहूर गायक इग्निश कुमार और ज्योति साहू ने मधुर गायकी से समा बांधा। मेले में प्रजापिता ब्रह्मकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय की संचालिका बीके राजमती ने भी शिविर लगाकर लोगों को शिव की विस्तृत महिमा बतायी।

इस मौके पर मुख्य रूप से फादर महेंद्र पीटर, अशोक उरांव, मनीष उरांव, शिव शंकर उरांव, आशुतोष द्विवेदी, डॉ अनिल कुमार, रंजीत टोप्पो, अशोक राम बीरेंद्र मुंडा, जागेश्वर महली, योगेंद्र उरांव, राजेश महली सहित अन्य लोग मौजूद थे।

Share.

Comments are closed.

Exit mobile version