कोलकाता। पश्चिम बंगाल सरकार ने वित्तीय वर्ष 2024-25 में सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (एमएसएमई) क्षेत्र के लिए 1.53 लाख करोड़ रुपये के क्रेडिट लक्ष्य को पार करने का भरोसा जताया है। यह लक्ष्य पिछले वित्तीय वर्ष की तुलना में 7.7 प्रतिशत की वृद्धि को दर्शाता है, जब इस क्षेत्र को 1.42 लाख करोड़ रुपये का क्रेडिट मिला था। एक अधिकारी ने जानकारी दी कि चालू वित्तीय वर्ष के पहले दो तिमाहियों में ही इस लक्ष्य का लगभग 77 प्रतिशत हिस्सा हासिल कर लिया गया है।
उन्होंने बताया कि स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) के लिए क्रेडिट प्रवाह भी लगातार बढ़ रहा है। वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए एसएचजी के लिए 30 हजार करोड़ रुपये का लक्ष्य रखा गया है, जबकि पिछले वर्ष 25 हजार करोड़ रुपये का लक्ष्य हासिल किया गया था।
उन्होंने कहा कि राज्य की 12.14 लाख एसएचजी समूह आर्थिक विकास और मांग सृजन में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं। उन्होंने यह भी बताया कि राष्ट्रीय स्तर पर कॉर्पोरेट करों में कटौती के बावजूद निजी क्षेत्र के निवेश अपेक्षित स्तर पर नहीं पहुंचे हैं।
उन्होंने बताया कि राज्य का पूंजीगत व्यय भी तेजी से बढ़ा है, जो 2010-11 में दो हजार 226 करोड़ रुपये था और 2024-25 में बजट के अनुसार 35,865.55 करोड़ रुपये तक पहुंच गया है।
विशेष रूप से पूर्वी भारत, जिसमें बंगाल शामिल है, अपनी नीति पहलों के कारण तेज गति से विकास के लिए तैयार है। वर्तमान में दक्षिणी और पश्चिमी राज्य देश की जीडीपी में क्रमशः 31 प्रतिशत और 22 प्रतिशत का योगदान करते हैं, लेकिन पूर्वी राज्य तेजी से आगे बढ़ रहे हैं।