लंबी बीमारी से जूझने के बाद ढाका में अस्पताल में निधन, बांग्लादेश की राजनीति में बड़ा झटका
ढाका। बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री और बीएनपी (बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी) की चेयरपर्सन बेगम खालिदा जिया का लंबी बीमारी के बाद मंगलवार सुबह निधन हो गया। वह 80 वर्ष की थीं। बीएनपी ने उनके निधन की पुष्टि करते हुए बताया कि सुबह करीब 6 बजे फज्र की नमाज के तुरंत बाद उन्होंने आखिरी सांस ली। उनका इलाज 23 नवंबर से ढाका के एवरकेयर हॉस्पिटल में चल रहा था और 11 दिसंबर से उन्हें वेंटिलेटर सपोर्ट पर रखा गया था। इस महीने की शुरुआत में उनके एडवांस मेडिकल ट्रीटमेंट के लिए लंदन भी भेजा गया था। चिकित्सकों के मुताबिक खालिदा जिया कई उम्र संबंधी बीमारियों से जूझ रही थीं, जिनमें लिवर का एडवांस्ड सिरोसिस, आर्थराइटिस, डायबिटीज और हृदय एवं फेफड़ों से जुड़ी समस्याएं शामिल थीं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खालिदा जिया के निधन पर गहरा दुख व्यक्त किया। उन्होंने ट्वीट कर कहा, ‘बांग्लादेश की पहली महिला प्रधानमंत्री के रूप में उनके योगदान को हमेशा याद रखा जाएगा। 2015 में ढाका में उनकी गर्मजोशी भरी मुलाकात याद है। उनकी दृष्टि और विरासत भारत-बांग्लादेश संबंधों को आगे बढ़ाने में मार्गदर्शक रहेगी।’

खालिदा जिया का जन्म 15 अगस्त 1945 को पूर्वी बंगाल (अब बांग्लादेश) के दिनाजपुर में हुआ था। उन्होंने लंबे समय तक बांग्लादेश की राजनीति में सक्रिय भूमिका निभाई और 1991-96 और 2001-2006 तक दो बार प्रधानमंत्री रहीं। उनकी शादी जिया उर रहमान से हुई थी, जो बांग्लादेश की आजादी की लड़ाई के समय एक बड़े नेता थे और 1977 में राष्ट्रपति बने थे। 1981 में उनकी हत्या कर दी गई थी।

खालिदा जिया के बेटे तारिक रहमान भी बीएनपी के कार्यकारी अध्यक्ष हैं और हाल ही में 17 साल के देश निकाले के बाद बांग्लादेश लौटे हैं। अगले साल होने वाले राष्ट्रीय चुनाव में वह प्रधानमंत्री पद के प्रमुख दावेदार के रूप में उभर रहे हैं। इन चुनावों से पहले खालिदा जिया के निधन से बांग्लादेश की राजनीति में बड़ा झटका लगा है। फरवरी 2026 में होने वाले राष्ट्रीय चुनावों से पहले यह नुकसान बीएनपी के लिए चुनौतीपूर्ण हो सकता है। उनके अंतिम संस्कार और आधिकारिक कार्यक्रमों की तैयारियों को लेकर अभी और जानकारी का इंतजार है।

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