पूर्वी सिंहभूम। प्रभु यीशु मसीह के पावन आगमन की खुशी में जिले भर में क्रिसमस का पर्व श्रद्धा, उमंग और उत्साह के साथ मनाया गया। बुधवार की देर रात कड़ाके की ठंड के बावजूद शहर की सभी प्रमुख कलीसियाएं भक्तों से गुलजार रहीं। मसीही समुदाय के बच्चे, युवा, महिलाएं और बुजुर्ग बड़ी संख्या में चर्च पहुंचे और प्रभु यीशु के जन्मोत्सव में सहभागी बने।
रोमन कैथोलिक चर्चों में विशेष प्रार्थना सभाएं आयोजित की गईं, जहां ईसाई पुरोहितों ने प्रेम, शांति, सत्य, अहिंसा और भाईचारे का संदेश दिया। कान्वेंट स्कूल चर्च, कामल स्कूल चर्च, एक्सएलआरआई और लोयोला चर्च सहित अन्य कलीसियाओं में विधिवत मिसा बलिदान अर्पित किया गया। इस दौरान पवित्र बाइबल के वचनों का पहला, दूसरा और तीसरा पाठ पढ़ा गया तथा समाज, राज्य, देश और पूरी दुनिया में अमन, शांति और तरक्की के लिए सामूहिक प्रार्थना की गई।
कैरोल सिंगिंग के दौरान वातावरण पूरी तरह भक्तिमय हो गया। कई श्रद्धालुओं ने अपने पाप स्वीकार करते हुए कन्फेशन किया। पुरोहितों ने उन पर होली वॉटर यानी पुण्य जल का छिड़काव कर सत्य, प्रेम, न्याय और सदाचार के मार्ग पर चलने की प्रेरणा दी। प्रभु यीशु मसीह के बाल रूप को श्रद्धा और प्रेम के साथ चरनी में स्थापित किया गया, जिसे देखने और नमन करने के लिए श्रद्धालुओं की लंबी कतारें लगी रहीं।
लोयोला स्कूल चर्च में मुख्य याजक फादर अजीत सोरेंग ने क्रिसमस की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि क्रिसमस केवल बाहरी आनंद, उत्सव और भौतिक भोग का पर्व नहीं है, बल्कि प्रभु यीशु के संदेशों को आत्मसात करने का अवसर है। उन्होंने कहा कि प्रभु यीशु अंधकार में आए और समस्त मानव जाति के कल्याण व मुक्ति के लिए स्वयं को क्रूस पर बलिदान कर दिया, ताकि मानव पाप, द्वेष, घृणा, लालच, क्रोध और युद्ध से मुक्त होकर प्रेम और शांति के मार्ग पर चल सके।
फादर सोरेंग ने कहा कि क्रिसमस हमारे जीवन में तभी सार्थक है जब हम अपनी विषय वासनाओं का त्याग कर आध्यात्मिक रूप से प्रभु यीशु की ओर बढ़ें और उनके बताए मार्ग पर चलें। तभी हमारी आशाएं और प्रार्थनाएं पूर्ण होंगी।
विशेष प्रार्थना सभाओं में फादर मुक्ति क्लेरेंस, फादर सीजी थॉमस, फादर विक्टर मिस्किथ, फादर कुरुविला, फादर चार्ली परेरा, फादर सिरिल तिग्गा सहित कई अन्य धर्मगुरु शामिल हुए। वहीं जमशेदपुर शहर के बेल्डीह बैपटिस्ट चर्च, जीईएल और सीएनआई कलीसिया में गुरुवार सुबह भी विशेष प्रार्थना सभाओं का आयोजन किया जाएगा।
क्रिसमस के अवसर पर शहर के सभी चर्च रंग-बिरंगी रोशनी से जगमगा उठे। मध्य रात्रि में घंटा बजाकर प्रभु यीशु मसीह के जन्म और आगमन का संदेश दिया गया, जिससे पूरे शहर में उत्सव और आस्था का माहौल बना रहा।

