नवजोत सिंह सिद्धू के मंत्री रहते हुए टीवी शो में काम करने के मामले में आज सुनवाई थी। पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट ने सुनवाई करते हुए कहा, ‘नेताओं की मोरल पुलिसिंग नहीं की जा सकती है। हम उनपर कोड ऑफ कंडक्ट लागू नहीं कर सकते, लेकिन सार्वजनिक आचरण पर बात हो सकती है।’
कोर्ट ने फिलहाल मामले की सुनवाई 2 अगस्त तक के लिए स्थगित कर दी है। कोर्ट ने कहा है कि अगली सुनवाई नैतिक आधार की जगह कानूनी आधार पर की जाएगी। इससे ऐसा माना जा रहा है कि सिद्धू को इस मामले में राहत मिल सकती है।
जस्टिस एस,एस सरन और जस्टिस दर्शन सिंह ने कहा कि नेताओं की मोरल पुलिसिंग नहीं की जा सकती है। जो लोग सार्वजनिक जीवन जीते हैं उन पर कई दायरे लागू होते हैं, लेकिन कानूनी रूप में वो दायरे कहां तक सही हैं ये मायने रखता है। मोरल पुलिसिंग कानूनी दायरे में नहीं आ सकती है।
कोर्ट में कोई भी ऐसे प्रावधानों का जिक्र नहीं किया गया जिसके तहत सिद्धू के टीवी शो करने पर रोक लगाया जा सके। टीवी शो नहीं करने का कानून सिर्फ सरकारी कर्मचारियों पर ही लागू हो सकता है, मंत्रियों पर ऐसे कोई कानून लागू नहीं होते।
बता दें कि सिद्धू ने मंत्री बनने के बाद कहा था कि वो शाम छह बजे के बाद कुछ भी करें इससे किसी को कोई मतलब नहीं होना चाहिए। उन्होंने मंत्री बनने के बाद भी कपिल शर्मा का शो जारी रखने की बात कही थी, जिसके बाद विपक्षी दलों के बीच उनका विरोध देखा जाने लगा था।